मुंबई| हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1946 में तमिलनाडु में हुआ था। बॉलीवुड की यह अभिनेत्री भरतनाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना हैं। फिल्में हो या निजी जीवन दर्शकों की जिज्ञासा हमेशा ही उन्हें लेकर बनी रही है। हेमा मालिनी का बचपन तमिलनाडु के विभिन्न शहरों में बीता। हेमा के पिता वीएस आर चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के निर्माता थे। फिल्मी परिवेश में पली-बढी हेमामालिनी ने चेन्नई के आंध्र महिला सभा से अपनी पढ़ाई पूरी की।
रूपहले पर्दे पर हेमा ने पहली बार पदार्पण किया एक नर्तकी के रूप में। तेलगू फिल्म पांडव वनवासम् में हेमा ने एक नृत्य में पहली बार बडे पर्दे पर अपनी झलक दिखाई, पर दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माता-निर्देशकों को वे प्रभावित करने में असफल रहीं। चार वर्षो के संघर्ष के बाद भी हेमामालिनी को दक्षिण भारतीय फिल्मों में अभिनय की पारी शुरूआत करने का अवसर नहीं मिल पाया।
कभी हेमा को हिन्दी और तमिल फिल्मों के सुप्रसिद्ध निर्देशक श्रीधर ने यह कहकर अपनी फिल्म में लेने से मना कर दिया था कि उनके चेहरे में कोई स्टार अपील नहीं है। यह 1964 की बात है। निर्देशक श्रीधर को हिन्दी सिनेमा के दर्शक दिल एक मंदिर के निर्देशक के रूप में जानते हैं। आखिरकार, हेमा की खूबसूरती और नृत्य कला ने हिंदी फिल्मों के शोमैन राजकपूर को प्रभावित किया। राजकपूर ने उन्हें अपनी फिल्म “सपनों का सौदागर” में अभिनय का अवसर दिया।
हेमा मालिनी को पहली सफलता वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म ..जॉनी मेरा नाम ..से हासिल हुयी। इसमें उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में उनकी जोड़ी को दर्शकों ने सिर आंखों पर लिया और फिल्म सुपरहिट रही। इसके बाद रमेश सिप्पी की वर्ष 1971 में प्रदर्शित फिल्म अंदाज में भी हेमा मालिनी ने अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वर्ष 1972 में हेमा मालिनी को रमेश सिप्पी की ही फिल्म ..सीता और गीता ..में काम करने का अवसर मिला, जो उनके सिने कैरियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी। इस फिल्म की सफलता के बाद वह शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचीं। उन्हें इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
हिंदी फिल्मों और बॉलीवुड जगत को उसकी ड्रीम गर्ल मिल गयी थी। धीरे-धीरे हेमामालिनी का सम्मोहन हिंदी फिल्मी दर्शकों के सर चढकर बोलने लगा और उनका नाम शीर्ष अभिनेत्री की सूची में सबसे ऊपर शुमार हो गया। हेमामालिनी को हिन्दी फिल्मों ने “ड्रीम गर्ल” का टाइटल दिया जिसे कोई दूसरी अभिनेत्री आज तक सार्थक नहीं कर पाई है।