मुंबई| अपने सुरीले संगीत से दशकों तक लोगों का मनोरंजन करने वाले प्रख्यात गीतकार और संगीतकार रवीन्द्र जैन अब हमारे बीच नहीं रहे| गीतकार रवींद्र जैन का शुक्रवार को मुम्बई के लीलावती अस्पताल में निधन हो गया| वह 71 साल के थे| बीते 24 घंटो से वो वेंटिलेटर पर थे| आज मुंबई में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा|
रवीन्द्र जैन की गिनती हिन्दी सिनेमा जगत के बेहद प्रतिभाशाली संगीतकारों में होती है| लगभग 3-4 दशकों तक भारतीय कला जगत में अपना योगदान देने वाले रवीन्द्र जैन ने कई सुपरहिट फिल्मों में म्यूजिक दिया| इन फिल्मों में ‘गीत गाता चल’, ‘चितचोर’, ‘अंखियों के झरोखे’, ‘हिना’जैसी फिल्म शामिल है| टेलिविजन में रामानंद सागर की ”रामायण” में इन्हीं ने संगीत दिया था|
अपनी एक कविता में उन्होंने खुद कहा था तन के हिस्से में सिर्फ दो आंखें, मन की आंखें हजार होती हैं, तन की आंखें तो सो भी जाती हैं, मन की आंखें कभी न सोती हैं| रवींद्र जैन को इसी साल भारत सरकार की ओर से पद्मश्री पुरस्कार दिया गया था| आंखों में रोशनी नहीं थी फिर भी रवीन्द्र जैन ने अपनी गायकी के हुनर से संगीत इंडस्ट्री को रोशन किया।
उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में जैन के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया जिसके कारण सुबह चार बजकर 10 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली| जैन को कुछ दिन पहले इलाज के लिए नागपुर के वोकहार्ड अस्पताल से बांद्रा के लीलावती अस्पताल लाया गया था|
सूत्रों के मुताबिक संगीतकार मूत्र संक्रमण से पीड़ित थे जिससे उनके वृक्क (किडनी) में दिक्कत पैदा हो गयी थी| बीते रविवार को वह किसी कार्यक्रम के लिए नागपुर में थे लेकिन अपने खराब स्वास्थ्य के चलते कार्यक्रम पेश नहीं कर पाए| उन्हें एयर एम्बुलेंस से मुम्बई लाया गया|
पीएम नरेंद्र मोदी ने जैन के निधन पर यह कहते हुए शोक प्रकट किया कि उन्हें उनके बहुमुखी संगीत एवं हिम्मत नहीं हारने के जज्बे के लिए स्मरण किया जाएगा| उदित नारायण, ममता शर्मा, अरुण गोविल, कैलाश खेर और भी कई जाने माने लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है|