लोकनीति-सीएसडीएस की ओर से बीते सितंबर माह के आखिरी सप्ताह में कराए गए सर्वे में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन के मुकाबले 4 फीसदी की बढ़त मिल रही है। एक सर्वे के मुताबिक अगर सितंबर के आखिरी सप्ताह में चुनाव में कराए जाते हैं, तो एनडीए को 42 फीसदी वोट जबकि महागठबंधन को 38 फीसदी वोट हासिल होते। सर्वे में यह बात भी सामने आई कि अन्य दल बिहार में कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सके। इनमें समाजवादी पार्टी, तीसरा मोर्चा और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम भी शामिल हैं।
सर्वे के मुताबिक अनुसार एनडीए को सवर्ण, ओबीसी और दलित वर्ग के वोट मिल रहे हैं, वहीं महागठबंधन को यादव, कुर्मी-कोरी और मुस्लिमों का अच्छा सहयोग मिला है। इसके अलावा सर्वे की रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि एनडीए को शहरी क्षेत्रों में जबरदस्त बढ़त मिली है, जबकि ग्रामीण इलाकोंं में महागठबंधन मजबूत स्थिति में है।
सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक महागठबंधन को नुकसान होना बताया जा रहा है। इसके मुख्य वोट बैंक यादव, कुर्मी और कोरी बहुल इलाकोंं में 10 में से 2 वोटर्स एनडीए के पक्ष में है। वहीं मुस्लिम मतदाताओं का भी पूरा सहयोग महागठबंधन को मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। 52 फीसदी मुसलमानों का समर्थन महागठबंधन तो 39 फीसदी मुस्लिमों का रूझान अन्य दलों की ओर है।