नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को विश्व व्यापार मेले का उद्घाटन किया। विश्व व्यापार मेला इस बार मेक इन इंडिया के रंग में नजर आएगा। मेले में स्मार्ट सिटी, मॉडल गांव, डिजिटल इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी पाओ व जन-धन सहित करीब 10 योजनाओं का जिक्र होगा।
मेले में 10 से 15 लाख देशी-विदेशी लोगों के आनें का अनुमान है। विश्व व्यापार मेले में अफगानिस्तान को साझीदार देश, बांग्लादेश को फोकस देश बनाया गया है। गोवा और झारखंड को साझीदार राज्य व मध्य प्रदेश को फोकस राज्य का दर्जा दिया गया है। इस मेले में 7000 से भी अधिक भारतीय एवं विदेशी फर्मे भाग ले रही हैं।
विश्व व्यापार मेले में इस बार स्कूली बच्चे भी बिजनेस के दिनों में अर्थात 14 से 18 नवंबर के मध्य भी सामान्य टिकटों पर मेले में प्रवेश पा सकते हैं। बच्चों के लिए इन दिनों में भी शुल्क 30 से 50 रुपये के बीच होगा। इस वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम 19 नवंबर के बजाय मेले के आरम्भ से ही आयोजित किए जाएंगे।
वैश्विक हालात चुनौतीपूर्ण होनें पर भी भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन का जिक्र करते हुये राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अगले दो दशक में इसमें 10 हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने का दम है।राष्ट्रपति ने प्रगति मैदान में 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला – 2015 (आईआईटीएफ) का उद्घाटन करते हुये कहा कि घरेलू स्तर पर ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के साथ ही विनिर्माण पर जोर दिये जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति नें कहा कि इसके साथ ही एशिया, अफ्रीका और लेटिन अमेरिकी देशों में नये निर्यात बाजारों पर ध्यान देते हुये बाहरी परिवेश से उत्पन्न चुनौतियों का सामाना किया जा सकता है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि, ‘हम आज 2,100 अरब डालर की अर्थव्यवस्था हैं और यदि विनिर्माण और नवप्रवर्तन को प्रोत्साहन दिया जाए तो अगले 20 सालों में हम 10 हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बन सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सालों के अन्र्तगत बने चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक परिदृश्य का डटकर मुकाबला करने में हमारी अर्थव्यवस्था सक्षम रही।’