नई दिल्ली। आने वाले दिनों में हो सकता है सब्जी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सरसों के तेल की कीमत भी आसमान छूने लगे।कारण, दाल के बाद अब सरसों के तेल कि कीमत में बढोत्तरी हो सकती है।
दरअसल, देश में खराब मौसम की मार का असर केवल सब्जियों और दालों पर ही नहीं पड़ रहा है, बल्कि इसका असर खाने-पीने की अन्य चीजों पर भी पडा है। सरसों के तेल के दाम में दिल्ली में पिछले एक साल में 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। कोलकाता में इसके दाम में 27 रुपए प्रति किलो की बढ़ोत्तरी हुई है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के प्राइस मॉनिटरिंग सेल द्वारा संकलित डेटा में दिखाया गया है कि बीते एक साल में सरसों के तेल का औसतन मूल्य 10 रुपए प्रति लीटर बढ़ा है। अक्तूबर 2014 और 2015 के बीच में इसका मूल्य 90 रुपए प्रति किलो से बढक़र 100 रुपए प्रति किलो हो गया है। कंसोर्टियम के प्रवक्ता उमेश वेरा ने बताया, ‘आपूर्ति कम होने की वजह से सरसों फसल के किसानों को अच्छा रिटर्न प्राप्त हुआ है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में सरसों की उपज होती है वहां इस साल बारिश अच्छी हुई है और पिछले कुछ दिनों के दौरान ठंड से रबी सीजन के लिए जमीन में नमी बढ़ी है।
अच्छा रिटर्न हासिल होने की उम्मीद किसानों को सरसों का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।’ सरसों तेल के उत्पादकों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में तेल के मूल्य में और बढ़ोतरी होगी क्योंकि इस दौरान तेल की मांग बढ़ जाती है। एक बड़े मैन्युफैक्चरर्स ने बताया, ‘सरसों तेल के आयात की कोई गुंजाइश नहीं है। इस साल फसल नुकसान हो जाने के कारण सरसों तेल का उत्पादन कम हुआ है।’