नई दिल्ली। दिल्ली में सफाई कर्मचारी बकाए वेतन एवं भत्तों की मांग को लेकर बीते कई दिनों से हड़ताल कर रहे हैं। स्वच्छता कर्मचारी संघों की ओर से तीन दिन के बाद हड़ताल वापसी की घोषणा के बावजूद कुछ स्वच्छता कर्मचारी आज भी काम पर वापस नहीं लौटे, जिससे पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में स्थिति और बिगड़ी है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने शहर के पुलिस आयुक्त से इस मामले पर कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि हड़ताली सफाई कर्मचारी सड़कों से कूड़ा उठाने के निगम कर्मचारियों के काम में बाधा नहीं पहुंचाएं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस आयुक्त यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली नगर निगम से संबंधित एजेंसियों द्वारा कूड़ा हटाने का काम किसी तरह से बाधित नहीं होगा।
यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एमसीडी इंप्लॉइज के महासचिव राजेन्द्र मेवाती के नेतृत्व में स्वच्छता कर्मचारियों ने लक्ष्मीनगर में विकास मार्ग अवरूद्ध किया और सड़क पर कचरा डाल दिया। उन्होंने नियमित रूप से वेतन, एरियर के भुगतान, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने तथा कैशलेस स्वास्थ्य कार्ड देने की मांग रखी।
हड़ताल के चौथे दिन पूर्वी दिल्ली में सड़के, गलियां और फुटपाथ कचरे से पटे रहे। मेवाती ने कहा कि एमसीडी के अधिकारियों और दिल्ली सरकार जब तक उनकी मांगें मान नहीं लेती, स्वच्छता कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में दो अन्य नगर निगमों के शामिल होने के बाद हम हड़ताल को और बढ़ाएंगे।