नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर तैनात आईटीबीपी में पहली बार महिला अफसरों की भर्ती होगी। ये महिला अफसर अत्याधिक उंचाई और विकट परिस्थितियों में सीमा की सुरक्षा कर रही आईटीबीपी बटालियनों की कमान को भी संभालेंगी।
जवानों के स्वास्थ्य को देखते हुए ठंड में सीमावर्ती चौकियों पर सौर ऊर्जा सेंट्रल हीटिंग सिस्टम और पेयजल जैसी मूल सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। सेना की तर्ज पर आईटीबीपी ने भी वन रैंक वन पेंशन की मांग वेतन आयोग को भेजी है।
आईटीबीपी के 54 वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर एक प्रेसवार्ता में बल के महानिदेशक कृष्ण चौधरी ने कहा महिला अफसरों की भर्ती के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को प्रस्ताव भेज दिया गया है।
आईटीबीपी में महिलाओं की कुल संख्या 1661 (सिपाही से निरीक्षक रैंक तक) है। इनमें से 1082 महिला कर्मियों को सामान्य ड्यूटी पर लगाया गया है। बल को जल्द ही दो नए हेलीकॉप्टर मिलेंगे। इसके लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है।
अत्याधित उंचाई वाले क्षेत्रों में बड़ा हेलीकॉप्टर ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पा रहा है, इसलिए छोटे हेलीकॉप्टर लेने की योजना बनाई गई है। बल के महानिदेशक के मुताबिक अगले वर्ष बर्फ हटते ही 18 नई चौकियों पर यह सिस्टम लगना शुरू हो जाएगा।
दूसरे चरण में 40 पुरानी चौकियों के भवन भी इन सुविधाओं से लैस होंगे। जवानों को बर्फीला पानी पीने से भी जल्द निजात मिलेगी। इसके लिए प्रत्येक चौकी में जरूरी उपकरण लगाए जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में महानिदेशक चौधरी ने बताया कि भारत-चीन सीमा पर अतिक्रमण को लेकर कोई विवाद नहीं है। जब कभी इस तरह का कोई विवाद उठता है तो आपसी बातचीत के जरिए उसका हल निकाल लिया जाता है।
भारतीय सेना के साथ मतभेद बाबत पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है। सेना हमें हर संभव सहयोग देती है। अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में 40 बॉर्डर ऑपरेशनल पोस्ट और गश्त पार्टी के आराम करने या ठहरने के लिए मैन्ड स्टेजिंग कैंप बनाए जाएंगे।
वन रैंक वन पेंशन बाबत चौधरी ने कहा, इस मामले में सुरक्षा बलों या सेना की आपस में तुलना नहीं करनी चाहिए। आईटीबीपी के जवानों को भी वन रैंक वन पेंशन की जरूरत है, इसलिए वेतन आयोग को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी गई है। उम्मीद है कि इस दिशा में जल्द ही कोई अच्छी सूचना जवानों को मिलेगी।