कृष्णनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग के खिलाफ टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर रविवार को जमकर प्रहार किया। उन्होंने तृणमूल अध्यक्ष पर राज्य के तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया। मोदी ने यहां राज्य विधानसभा चुनाव में प्रचार करते हुए कहा, “हार की कगार पर खड़ी तृणमूल ने अपना संतुलन खो दिया है।
ममता और उनकी पार्टी ने हार मान ली है, इसलिए वे राजनीतिक दलों से नहीं बल्कि चुनाव आयोग से लड़ रहीं हैं।” उन्होंने कहा, “चुनाव आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन अगर ये संस्थाएं तबाह हो जाएंगी तो देश नहीं चल पाएगा। चुनाव आयोग ने आपको नोटिस दिया है। इस पर अपना पक्ष और अपने विचार रखना आपकी जिम्मेदारी है।
मोदी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद 14 अप्रैल को चुनाव आयोग के खिलाफ तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी के गुस्से से भरे बयानों के बारे में बात कर रहे थे। ‘चुनाव आयोग को बर्बाद करने की कोशिश करने के लिए’ ममता बनर्जी की निंदा करते हुए मोदी ने कहा, “देश कानून और नियमों पर चलता है और अगर आप उनका उल्लंघन करना चाहती हैं तो पहले लोगों के सामने स्पष्ट करें कि लोकतंत्र में आपका भरोसा है या नहीं। देश के संविधान में आपका भरोसा है या नहीं।”
मोदी ने कहा, “मैने कहीं पढ़ा था कि बनर्जी को दिए गए नोटिस का जवाब मुख्य सचिव ने दे दिया है। अगर यह सच है तो यह चुनाव कानूनों का सबसे बड़ा उल्लंघन है। चुनाव आयोग ने तृणमूल अध्यक्ष को नोटिस दिया था, मुख्यमंत्री को नहीं। नोटिस का जवाब देना दीदी या उनकी पार्टी या पार्टी के वकील की जिम्मेदारी थी।”
मोदी ने इलाहबाद उच्च न्यायालय के 1975 के उस आदेश का जिक्र करते हुए भी ममता पर निशाना साधा जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को छह वर्षो के लिए निर्वाचित पद धारण करने से रोक दिया गया था।
मोदी ने कहा, “अगर ऐसा हुआ है (अगर मुख्य सचिव ने नोटिस का जवाब दिया है) तो यह सरकार का जबर्दस्त दुरुपयोग है। दीदी, इंदिरा गांधी ने सरकार का दुरुपयोग करने के कारण छह साल के लिए अपनी सदस्यता गंवा दी थी।”