तेहरान। ईरान ने रविवार को कहा कि भारत के रिफाइनरी सेक्टर में साझेदार बनकर उसे खुशी होगी। ईरान की ओर से यह प्रस्ताव विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके ईरानी समकक्ष जवाद जरीफ के बीच तेहरान में हुई एक बैठक के दौरान पेश किया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मीडिया को बताया, “दोनों पक्षों ने भारत और ईरान के बीच ऊर्जा साझेदारी पर चर्चा की।” स्वरूप ने कहा, “ईरान ने कहा कि भारत के रिफाइनरी सेक्टर में साझेदारी कर उसे खुशी होगी।” सुषमा का ईरान दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब तेहरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को उठा लिया गया है।
स्वरूप ने कहा कि फरजाद बी गैस फील्ड पर दोनों पक्षों ने भारतीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान के हाल के ईरान दौरे के दौरान हुई रचनात्मक चर्चाओं को संज्ञान में लिया। स्वरूप ने कहा, “भारत ने फरजाद बी फील्ड को नीलामी से बाहर रखने के ईरान के निर्णय का स्वागत किया है। संबंधित कंपनियों को एक समयबद्ध तरीके से अपने ठेके से संबंधित बातचीत पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। ईरानी पक्ष ने अपने गैस मूल्य निर्धारण फार्मूले के बारे में पहले ही जानकारी दे दी है और चाबाहार सेज में भारतीय निवेश की इच्छा जाहिर की है।”
ईरान ने यह भी कहा है कि वह अशगाबात समझौते से जुड़ने की भारत की इच्छा का पूरी तरह समर्थन करता है। अशगाबात समझौते में ओमान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके संस्थापक सदस्य हैं। बाद में कजाकिस्तान भी इसमें शामिल हो गया।
सुषमा स्वराज और जरीफ ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे की प्रगति की समीक्षा भी की। स्वरूप के अनुसार, भारत की कंपनी इरकॉन चाबाहार-जहदान रेल संपर्क पर चर्चा के लिए ईरान का दौरा करेगी। उन्होंने कहा, “व्यापार और निवेश के मुद्दे पर दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि प्रतिबंध उठने के साथ ही इन संबंधों के विस्तार की अपार संभावना है।”
स्वरूप ने कहा, “वे इस बात पर सहमत हुए कि तरजीही व्यापार समझौता, दोहरा कराधान बचाव समझौता और द्विपक्षीय निवेश संधि जैसे लंबित समझौतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए।”
भारत और ईरान ने दोनों देशों की जेलों से मछुआरों की रिहाई पर भी संतोष जाहिर किया। भारत द्वारा शुरू की गई पहल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापक आतंकवाद संकल्प के मद्देनजर दोनों देशों ने अपने-अपने देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के बीच अच्छे सहयोग पर विचार किया और इस मुद्दे पर आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमति जताई।
स्वरूप ने कहा, “सांस्कृतिक सहयोग के संदर्भ में भारत और ईरान के बीच सभ्यतागत सूत्रों को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने मौजूदा सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने और उसे मजबूत करने पर सहमति जताई। इसके तहत दोनों देशों में भारत और ईरान सप्ताह मनाए जाएंगे, पांडुलिपियां प्रकाशित की जाएंगी, सम्मेलन आयोजित होंगे और भाषा, साहित्य व धर्म से संबंधित कार्यक्रम आयोजित होंगे।”