नई दिल्ली| उद्योगपति विजय माल्या का शुक्रवार को ईडी ने पासपोर्ट निलंबित कर दिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय ने विदेश मंत्रालय से विजय माल्या का पासपोर्ट निलंबति की मांग की थी. बाद ईडी ने माल्या के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की भी मांग की है.
दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में विजय माल्या को पेशी के लिए तीन बार नोटिस जारी कर चुका है लेकिन माल्या ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए. जिसके बाद ईडी ने उनके खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए दिल्ली पासपोर्ट ऑफिस से उनका पासपोर्ट रद्द करने को कहा था.
यही नहीं, प्रवर्तन निदेशालय अदालत जाकर माल्या के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कराने पर विचार कर रहा है. प्रवर्तन निदेशालय विजय माल्या के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. इस एक्ट के तहत किसी आरोपी को अधिकतम तीन बार ही हाजिर न होने की छूट दी जा सकती है.
माल्या को ईडी ने 18 मार्च, 2 अप्रैल और 9 अप्रैल को ईडी के मुंबई ऑफिस में मौजूद रहने को समन दिया था. लेकिन माल्या यह कहकर ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए कि उनके वकील ईडी को सहयोग दे रहे हैं और वे अपने कारोबारी कामों में व्यस्त हैं. माल्या ने कहा कि वह इस केस में मई में ही ईडी के समक्ष पेश हो सकेंगे.
गौरतलब हो कि माल्या आजकल इंग्लैंड में हैं. उन पर भारतीय बैंक और वित्तीय संस्थाओं का करीब 9000 करोड़ का लोन बकाया है. वहीं पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि विजय माल्या 21 अप्रैल तक हर हाल में बताएं कि वह कब पेश होंगे.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि माल्या एक बड़ी रकम जमा कराएं जिसके बाद ही बैंकों से आगे बात का रास्ता साफ होगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या से संपत्ति का ब्यौरा मांगा है. माल्या को देश-विदेश में मार्च 2016 तक की संपत्ति का ब्यौरा देना होगा. मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.