नई दिल्ली| केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता से संबंधित एक मामले में एक अदालत ने शुक्रवार को भारतीय निर्वाचन आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय से सत्यापन दस्तावेज मांगे हैं|
ईरानी पर चुनावी हलफनामों में शैक्षिक योग्यता से संबंधित गलत और भ्रामक सूचनाएं देने का आरोप है| अदालत ने यह आदेश तब दिया, जब उसने पाया कि शिकायतकर्ता अहमर खान के पास आरोपों को पुख्ता करने के लिए पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं|
महानगर दंडाधिकारी आकाश जैन ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च, 2016 की तारीख तय की है| उस दिन मामले में शिकायतकर्ता के गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे| खान ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत से कहा था कि ईरानी ने लोकसभा और राज्यसभा चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग को सौंपे अपने तीन हलफनामों में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में अलग-अलग जानकारियां दी है|
गौरतलब है कि खान ने अप्रैल में अपनी शिकायत में हलफनामे में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में कथित तौर पर झूठ बोलने के लिए ईरानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी| उन्होंने आरोप लगाया था कि ईरानी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में अपने हलफनामे में खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ करेस्पांडेंस से 1996 बैच का बीए स्नातक घोषित किया था|
वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मुक्त शिक्षा विभाग से बीकॉम (प्रथम वर्ष) पास किया है| ईरानी ने गुजरात से राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए 11 जुलाई, 2011 को दाखिल एक अन्य हलफनामे में कहा कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ करेस्पांडेंस से बीकॉम (प्रथम वर्ष) तक की शिक्षा हासिल की है|