नई दिल्ली| विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अगले महीने 7 और 8 दिसंबर पाकिस्तान जा सकती हैं| उन्हें अफगानिस्तान के मसले पर होने वाली हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस के लिए इनवाइट किया गया है| जानकारी के अनुसार ‘हार्ट ऑफ एशिया’ कॉन्फ्रेंस में करीब 25 देशों के रिप्रजेंटेटिव शामिल होंगे|
गौरतलब है कि अगर भारत इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होता है तो दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वक्त से हो रहे तनाव पर भी चर्चा हो सकती है| वहीं इस मामले को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि दुनिया की पहली प्राथमिकता पाकिस्तान के न्युक्लियर प्रोग्राम को रुकवाने की होनी चाहिए क्योंकि पाकिस्तान के पास करीब 120 परमाणु हथियार हैं| वह अगले 10 साल में अमरीका और रूस के बाद तीसरी बड़ी परमाणु ताकत हो सकता है| चीन, फ्रांस और ब्रिटेन भी उसके पीछे रह जाएंगे|
पाक के परमाणु हथियार किसी भी दूसरे देश की तुलना में तेजी से बढ़ रहे हैं| ये ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं| इसकी परमाणु मिसाइलों की रेंज भारत और उससे भी आगे की है| यह भी सही है कि पाकिस्तान में आतंकी गुटों की शरण देता है|