ब्रिटेन। 1950 के दशक से लेकर 1980 के दशक के बीच उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में गुमनाम साधु के भेष में रहने वाले नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ही थे। यह दावा किया है ब्रिटेन में विमोचित एक पुस्तक में।
पूर्व पत्रकार अनुज धर की पुस्तक ‘व्हाट हैप्पन्ड टू नेताजी ?’ नेता जी मौत के तीन प्रमुख सिद्धांतों का ब्योरा दिया गया है और फिर में फैजाबाद में उनके जीवन से जुड़े रहस्यों पर गौर किया गया है।
बकौल पूर्व पत्रकार, ‘सरकार के संपर्क में रहे एक उच्च पदस्थ सूत्र ने उन्हें बताया कि भारत के प्रधानमंत्री के पास एक अति गोपनीय फाइल थी जिसमें बोस का रहस्य छिपा हुआ था।’ इस विषय की 15 साल तक छानबीन करने वाले लेखक धर का कहना है कि उस फाइल में यह स्वीकारोक्ति है कि फैजाबाद के साधु भगवनजी असल में बोस थे और इसलिए सरकार ने उनसे संपर्क बनाए रखा था।
धर ने लिखा है कि ‘उत्तर प्रदेश राज्य और केंद्रीय मंत्रियों सहित गुप्तचरों तथा खुफिया अधिकारी उन्हें शिष्टाचार के तौर पर, विभिन्न विषयों पर उनकी सलाह लेने और उन पर नजर रखने के लिए भेजे जाते थे।’ पुस्तक में दावा किया गया है कि भगवनजी के दांत की डीएनए जांच के नतीजे में अधिकारियों ने हेरफेर किया।