जयपुर। ‘बाप- बाप होता है और बेटा बेटा होता है।’ यह कहा है भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने, वह भी महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की तुलना को लेकर किये गए सवाल पर। कपिल का कहना है, विराट कोहली की टेस्ट कप्तानी की तुलना महेंद्र सिंह धोनी से करना अभी बहुत जल्दबाजी होगी। क्योंकि टीम का यह बल्लेबाजी स्टार कप्तान की भूमिका में अभी नया है।
उन्होंने वंडर सीमेंट के क्रिकेट महोत्सव के लांच के अवसर पर कहा कि ‘कप्तान के रूप में धोनी की उपलब्धियों की बराबरी करने के लिये कोहली को अभी लंबा रास्ता तय करना है। कोहली हालांकि बल्लेबाज के रूप में अच्छा काम कर रहा है और मुझे विश्वास है कि वह भारतीय कप्तान के रूप में भी अच्छा काम करेगा।’
भारत टी20 और वनडे श्रृंखला में हार के बाद अब दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट श्रृंखला में खेलेगा। कपिल ने कहा कि पिचें किस तरह से तैयार की जाती है श्रृंखला का परिणाम इस पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि ‘यदि पिचों को भारत के मजबूत पक्षों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है तो वह अच्छा प्रदर्शन करेगा। विकेट बल्लेबाजों के अनुकूल होने चाहिए और उससे उसके स्पिनरों को भी मदद मिलनी चाहिए। यदि क्यूरेटेर दक्षिण अफ्रीका के अनुकूल विकेट तैयार करते हैं तो जीतना मुश्किल होगा।’
कपिल ने इस संबंध में भारतीय टीम के निदेशक रवि शास्त्री का पक्ष लिया जिन्होंने पांचवें वनडे में हार के बाद मुंबई के पिच क्यूरेटर सुधीर नाइक के साथ बहस की थी। उन्होंने कहा कि ‘मैं इस मामले में रवि के साथ हूं। श्रृंखला 2-2 से बराबर थी और श्रृंखला निर्णायक मोड़ पर थी। हमें ऐसी पिच तैयार करनी चाहिए थी जो भारत के अनुकूल हो लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यदि घरेलू टीम का कप्तान अपनी पसंद की पिच चाहता है तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है। जब हम दक्षिण अफ्रीका का दौरा करते हैं तो हमें तेज और उछाल वाली पिचों पर खेलना पड़ता है।’
वीरेंद्र सहवाग के संन्यास के बारे में कपिल ने कहा कि यह पूर्व सलामी बल्लेबाज विदाई मैच का हकदार था लेकिन इसके बिना भी उसकी महानता कम नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ‘हमें इसका फैसला चयनकर्ताओं पर छोड़ देना चाहिए। प्रत्येक को विदाई मैच नहीं दिया जा सकता है। यदि आपने मुझसे पूछा तो यह मायने नहीं रखता कि सहवाग भारत की तरफ से एक और मैच खेले। सचाई यही है कि वह तब भी महान खिलाड़ी रहेगा। अजहरूद्दीन ने 99 टेस्ट मैच खेले और वह एक और वह एक और मैच खेलना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’ सहवाग ने संन्यस लेने के बाद विदाई मैच की इच्छा जाहिर की थी।