रांची। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाहक सुरेश जोशी (भैया जी) ने साईं बाबा को लेकर चल रहे विवाद पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बाबा ने अपने आप को कभी देवता के रूप में पेश नहीं किया और न ही लोगों ने उन्हें देवता माना। उन्होंने सामजिक कार्य किया। अच्छाइयों के लिए अपना जीवन लगाया। लोग उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं और भी ऐसे कई महापुरुषों की प्रतिमाएं हैं, जिसका लोग श्रद्धा से नमन करते हैं।’ भैया जी ने ये बातें रांची में मीडिया से कहीं।
गौरतलब हो, हाल ही में भोपाल में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं बाबा के खिलाफ एक पोस्टर जारी किया था जिसमें हनुमान जी को साईं बाबा को मारते हुए दिखाया गया है। शंकरचार्य के बयान पर भैया जी ने कहा कि ‘उन्होंने अपनी बात रखी है। मैं समझता हूं कि समाज में ऐसे विषयों को रखकर गैरजरूरी विवाद नहीं पैदा करना चाहिए।
भैया जी जोशी ने कहा कि ‘हिंदू समाज को कठघरे में खड़ा रखने की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे कई ताकतें लगी हैं। यह हिंदू समाज के लिए अपमान की बात है और इसके ठीक करने की जरूरत है। हिंदू समाज सबके प्रति समान भावना रखने वाला समाज है। यह समाज सबको साथ में लेकर चलने वाला रहा है, कभी नाकारात्मक सोच नहीं रखा है। साकारात्मक सोच लेकर चला है। हिंदू समाज द्वारा चलाए जा रहे प्रयासों को समझने और समाज तक पहुंचाने की जरूरत है।’
वह बोले, ‘अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए। इस पर दूसरा कोई ओपिनियन नहीं है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। पूर्ण बहुमत होने के बाद भी मंदिर निर्माण में देरी हो रही है। आज की स्थिति में निर्णय करनेवालों को यह तय करना होगा कि राम मंदिर कैसे बने। इसे पहल करने के लिए राज्यसभा में ताकत होनी चाहिए। राज्यसभा में ताकत नहीं होने से इसमें शायद देर हो रही है। यह पहल करनी चाहिए। मैं मानता हूं कि उनकी भी मंशा है राम मंदिर बने और वे इसमें पहल करेंगे।’
‘ यहाँ बता दें, पिछले तीन दिनों से चल रही आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक रविवार को खत्म हो गई। बैठक में संघ के देशभर के करीब 400 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। भैया जी जोशी इसी बैठक में हिस्सा लेने आए थे।