नई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार को झटका देते हुए एक अहम फैसले में कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) बिजली वितरण कंपनियों के खातों की जांच नहीं कर सकता। न्यायालय का यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी में बिजली प्रदान करने वाली तीन प्रमुख कंपनियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति आर.एस. एंडलॉ की खंडपीठ ने शुक्रवार को बिजली वितरण कंपनियों- टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड की याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।
दिल्ली सरकार ने इन बिजली वितरण कंपनियों के खातों की ऑडिट सीएजी से करने को कहा था। कंपनियों की याचिका स्वीकार करते हुए न्यायालय ने कहा कि सरकार का आधिकारिक लेखा परीक्षक बिजली वितरण कंपनियों के खातों की ऑडिट नहीं कर सकता।