कोजहिकोड| पिछले महीने केरल से लापता हुए कुछ लोगों में से एक युवक ने अपने घर वालों को चौकाने वाला संदेश भेजा। उसने अपनी फैमिले से कहा कि हां मैं आतंकी हूं। युवक ने परिवारे से कहा कि लोग मुझे आतंकी कह सकते हैं। यदि अल्लाह के रास्ते पर लड़ना आतंकवाद है तो हां मैं आतंकवादी हूं (एसआइसी) । ये संदेश केरल से लापता हुए युवक ने अपने परिवार को भेजा था।
यह संदेश पिछले महीने जून में इस युवक ने टेलीग्राम एप के जरिए अपने परिवार को भेजा था। उस युवक का नाम मोहम्मद मारवान है। उसका दावा है कि उसने यह संदेश पश्चिम एशिया के किसी आतंकी शिविर से भेजा है। खुफिया एजेंसी भी अभी तक पता नहीं लगा पाई है कि आइएस के इन संदिग्धों का ठिकाना कहां है। बता दें कि मारवान ने अपने संदेश में लिखा है, ‘मैं कश्मीर, गुजरात और मुजफ्फरनगर में मुसलमान भाइयों के बचाने के लिए आइएस के सहयोग से जिस मिशन पर निकला हूं, उसे मैं पूरा कर ही लौटूंगा। भला मैं कैसे चुप रह सकता हूं, जब मुसलमानों पर हमले हो रहे हैं।’
कुरान का उदाहरण देते हुए मारवान ने लिखा कि अल्लाह मुझसे जरूर एक दिन सवाल पूछेगा कि जब मुसलमानों पर हमले हो रहे थे तो तुमने उन्हें बचाया क्यों नहीं। यह मेरा धार्मिक कर्तव्य है कि मैं उनकी रक्षा करूं। मारवान ने साफ किया है कि वह किसी के उकसावे पर यह काम नहीं कर रहा है। उसने लिखा है कि किसी ने मुझे आइएस में भर्ती होने के लिए दबाव नहीं डाला। मैंने इस्लाम को बचाने के लिए घर छोड़ा है।
गौरतलब है कि पश्चिम एशिया गए केरल के कासरगोड़ और पलक्कड़ जिले के 15 युवक पिछले एक महीने से अधिक वक्त से लापता हैं। युवकों के परिवार वालों ने बताया कि उन्हें इन युवकों के बारे में पिछले एक माह से कोई जानकारी नहीं मिली है। लापता लोगों में एक दंपति भी शामिल है। परिवार वालों को संदेह है कि पश्चिम एशिया में धार्मिक अध्ययन के सिलसिले में गए इन युवकों को कट्टरपंथ ने अपनी गिरफ्त में ले लिया।