बरते सावधानी : गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद फर्जी एप बैंक खाते कर रहे खाली

नई दिल्ली।सावधान हो जाईये। गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध बैंकिंग से जुड़े कुछ फर्जी मोबाइल एप का इस्तेमाल करना लोगों को भारी पड़ सकता है। कारण, इन एप का इस्तेमाल करने पर शहर के 22 बैंक ग्राहकों के खाते खाली हो गए। पीड़ितों ने इस बारे में बैंकों को सूचित किया तो ये मामले सामने आए। आरबीआई ने कई माह पहले ग्राहकों को ऐसे बैंकिंग एप से दूर रहने की सलाह दी थी।

एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गूगल प्ले स्टोर पर तमाम ऐसे एप आ गए हैं जो बैंक स्टेटमेंट से लेकर बैलेंस इंक्वायरी तक की जानकारी दे रहे हैं। ये एप बैंक के नहीं हैं बल्कि इनको निजी तौर पर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इनका इस्तेमाल करते ही खाते की सारी जानकारी हैकर के पास पहुंच जाती है। बैंक हमेशा अपने ग्राहकों को बैंक का ही एप का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।

एप की मदद से खाते में शेष धनराशि की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करने वाले ग्राहक के बैंक खाते के सभी जानकारी हैकर के पास पहुंच जाती है। इसके बाद हैकर आसानी से खाते में जमा राशि निकाल लेते हैं। ई-मेल और डेबिट-क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के बाद अब एप से धोखाधड़ी होने लगी है।

नॉएडा के सेक्टर-23 निवासी अनुमोल गोस्वामी का एसबीआई में एकाउंट था। उन्होंने 27 जुलाई को अपने एकाउंट में रुपए की जानकारी के लिए गूगल प्ले से एक एप डाउनलोड किया। एप डाउलोड करते ही उनके बैंक की सारी डिटेल एप में भरनी पड़ी। इसके बाद जैसे ही एप के जरिये बैलेंस के लिए मैसेज भेजा। 10 मिनट बाद ही पांच हजार रुपये अकाउंट से निकल गए। ऐसा ही कुछ सेक्टर-120 के रहने वाले नीरज त्रिपाठी के साथ हुआ। इनके एसबीआई एकाउंट से 3 हजार रुपये निकल गए।
करें बैंक के असली एप का इस्तेमाल

बैंक के असली एप का ही इस्तेमाल करें। बैंक इमेल के जरिये भी अपने एप की जानकारी देते हैं। वहां से जाकर भी इन्हें डाउनलोड किया जा सकता है। नेट बैंकिंग का पासवर्ड बैंक ही जारी करता है। ऐसे में फ्रॉड के अवसर ही नहीं रहते। कोई भी बैंकिंग मोबाइल एप डाउनलोड करने से पहले उसका रिव्यू जरूर पढें, किसी भी एप से लॉग-इन होकर लॉग-ऑउट जरूर होना चाहिए, पब्लिक वाईफाई के जरिये बैंकिंग न करें।

ऑल इन वन नेट बैंकिंग, एटीएम बैंक बैलेंस चेकर, बैंक बैलेंस इंक्वायरी नंबर, शो माई बैंक बैलेंस और आईएफएससी एंड बैलेंस इंक्वायरी जैसे कई एप गूगल प्ले और अन्य स्टोर में मौजूद हैं। इनके माध्यम से ही धोखाधड़ी का खेल हुआ।

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