नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रहने वाली एक महिला ने एम्स के डॉक्टरों से ऐसी याचना की जिसें सुनकर सभी डॉक्टर हैरान रह गए। महिला ने कहा कि मेरे मरे हुए पति का स्पर्मचाहिए, जिससें वो प्रेग्नेंट होना चाहती थी।
इस बात से महिला के ससुराल वाले भी सहमत थे। लेकिन, डॉक्टरों ने उसे मरे हुए पति का स्पर्म देने से मना कर दिया। इस कपल की शादी कुछ साल पहले हुई थी, लेकिन दोनों की कोई संतान नहीं हुई थी।
पति की मौत के बाद महिला उसके बच्चे की मां बनना चाहती थी। इसलिए उसने डॉक्टरों से उसके स्पर्म देने की रिक्वेस्ट की। लेकिन डॉक्टरों ने मना कर दिया, क्योंकि भारत में अब तक पोस्टमार्टम से स्पर्म रिट्रीवल के लिए कोई क्लियर गाइडलाइन नहीं है।
ह्यूमन रिप्रोडक्टिव साइंस जर्नल के लेटेस्ट एडीशन में इस मामले को उठाया गया है। इस केस का हवाला देते हुए एम्स के डॉक्टरों ने पीएमएसआर पर कोई सही गाइडलाइन बनाने की मांग की है।
इसकी वजह से स्पर्म को प्रिजर्व किया जा सकेगा और उसका उचित उपयोग भी किया जा सकेगा। एम्स में फॉरेंसिक सांइस के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता का कहना है कि स्पर्म को निकालना बहुत सिंपल प्रोसेस है।
इसे आदमी की मौत होने के एक दिन बाद तक भी निकाला जा सकता है और इसे निकालने में महज पांच मिनट का समय लगता है। लेकिन इसको लेकर कुछ नैतिक और कानूनी अड़चनें हैं।