अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने पाटीदारों के आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेता हार्दिक पटेल को जमानत दे दी है। जमानत के तहत उन्हें छह माह गुजरात राज्य से बाहर रहना पड़ेगा। हार्दिक अक्टूबर 2015 से जेल में हैं। उन पर पहला सूरत में दूसरा अहमदाबाद में मामले दर्ज है।
सूरत वाले मामले में उन पर एक व्यक्ति को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए उकसाने का आरोप है। अहमदाबाद मामले में हार्दिक के साथियों पर लोगों को सरकार के खिलाफ हिंसा करने के लिए उकसाने का आरोप है।
हार्दिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो कथित तौर पर उसके साथियों ने लोगों को फोन करके हिंसा के आदेश दिये थे। इन मामलों में हार्दिक पर राजद्रोह की धारायें लगाई गई हैं। हालांकि हार्दिक आज जेल से छूटेंगे नहीं क्योंकि विसनगर में हिंसा मामले में जमानत की अर्जी कोर्ट में लंबित है।
गौरतलब है कि सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ पाटीदार (पटेल) समाज के हिंसक आंदोलन की अगुवाई के लिए 22 वर्षीय हार्दिक को गिरफ्तार किया गया था और बाद में सूरत जेल में रखा गया। पाटीदार समाज की एक बैठक में भारी जनसमूह के बीच हार्दिक तलवार लहराकर मीडिया की सुर्खियों में आ गए थे।
उन्होंने कहा था कि पाटीदारों को सरकारी नौकरियों और कॉलेज सीट्स में आरक्षण मिलना चाहिए। गुजरात में पाटीदार समुदाय को आम तौर पर आर्थिक रूप से मजबूत माना जाता है, लेकिन इनके बीच आरक्षण की मांग जोर पकड़ती जा रही है।