लखनऊ। प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल खुल गए। लेकिन पढाई नहीं शुरू हो सकी। क्योंकि इन स्कूलों में बच्चों के पढने के लिए किताबे अब तक नहीं पहुंच सकी है। बच्चों को मुफत मिलने वाली यह किताबें इस माह के अंत तक मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है।
प्रदेश के लगभग दो लाख प्राइमरी और मिडिल स्कूलों मे बिना किताबों के या फिर पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई चल रही है. हालांकि सरकार का कहना है कि सारे विवादों को सुलझा लिया गया है और अगले पंद्रह दिनों के बाद किताबें बंटनी शुरू हो जाएगीं,। लेकिन इस देरी के चलते बच्चों के पढ़ाई के हो रहे नुकसान पर फिलहाल सरकार कुछ कहने की स्थिति मे नही है। सरकार को आने वाले दिनों बच्चों मे लगभग तेरह करोड़ किताबें छापकर बांटनी हैं। इस तरह सरकारी स्कूलों मे बच्चों की पढ़ाई बिना किताबों के हो रही है।
. कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के तकरीबन डेढ़ करोड़ से उपर बच्चों को जुलाई के पहले हफ्ते मे स्कूल खुलने के साथ ही मुफ्त सरकारी किताबें मिल जाती थी। लेकिन इस साल टेंडर प्रकिया के विवादों मे फंस जाने और सरकारी हीलाहवाली के चलते ये किताबें अभी तक छपाई के लिये भी नही जा पाई हैं.। ऐसे में इस माह के अंत तक यह किताबें बांटना भी विभाग के लिए आसान नहीं होगा। जबकि हर साल यह किताबें मई में ही छप के आ जाती थी ।