लखनऊ। चुनावी मौसम में मुस्लिमों को आकर्षित करने के लिए यूपी में कांग्रेस बड़े पैमाने पर इफतार करने का जा रही है। यह इफतार 30 जून से आरंभ होकर ईद के बाद तक यानी आठ जुलाई तक चलेगा। इसमें कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद शिरकत करेंगे।
मालूम हो कि प्रदेश कांग्रेस इस बार पूरे उप में रोजा इफतार करने का जा रही है। इसमें गुलाम नबी आजाद के साथ साथ आस-पास के इलाकों के कांग्रेसी दिग्गजों का होना लाजिमी ही है। इस रोजा इफतार की शुरुआत हापुड से करेंगे। इसी तरह एक जुलाई को प्रदेश कांग्रेस की तरफ से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें. प्रदेश के तमाम दिग्गजों को न्योता भी भेजा गया है.।
इस इफ्तार पार्टी के जरिए पूरे प्रदेश में संदेश देने की कोशिस की जायेगी कि भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस ही अल्पसंख्यकों की हितैषी है। सियासत के पुराने खिलाड़ी आजाद ने प्रदेश कांग्रेस को ये भी निर्देश दिया है कि 8 जुलाई तक रमजान के चलते पहले से तय तमाम चुनावी परिवर्तन यात्राओं को रद्द किया जाए.।
दरअसल, यूपी की सियासी रणनीति के मुताबिक, कांग्रेस ब्राह्मण और राजपूत के साथ अल्पसंख्यक वोटों पर सियासी दांव खेलने की तैयारी में है। भविष्य में ब्राह्मणों और राजपूतों को आगे करके सियासत करती दिखेगी, साथ की कुर्मी और दलित वर्ग से पासी समुदाय को भी साथ जोड़ने की कोशिश करेगी।
कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि इन सबके जुड़ने के बाद वो बीजेपी को रोक पाएंगे तो अल्पसंख्यक वर्ग उनकी सियासी नैय्या पार लगाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। कुल मिलाकर सियासी सपने देखने में कोई हर्ज नहीं होता, असल बात तो उसको हकीकत में बदलने की होती है. लेकिन यूपी में सपा-बसपा के रहते कांग्रेस का अपनी रणनीति को अंजाम दे पाना आसान नहीं है।