लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी से नाता तोडने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपनी राजनीतिक मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। इन दिनों वह दिल्ली में डेरा डाले हुए है। भाजपा नेताओं से सम्पर्क साधे हुए है।
लेकिन एक जुलाई को वो लखनऊ में अपने समर्थकों के साथ बैठक कर अपनी ताकत का एहसास करायेंगे। इसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लेंगे।
स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों भाजपा की षरण में है। उनकी मुलाकात भाजपा के राष्टीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी ओम माथुर एवं प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या से हो चुकी है। लेकिन वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मिलने का प्रयास कर रहे है। इस दौरान वह भाजपा में कद भी आंक ले रहे है। जिसके आधार पर एक जुलाई के बाद वह कोई निर्णय ले सके।
उन्होंने लखनऊ में अपने समर्थकों की बैठक एक जुलाई को लखनऊ में बुलाई है। इसमें वह अपनी ताकत का ऐहसास विरोधियों को करायेंगे। साथ ही कार्यकर्ताओं का मन भी टटोलेंगे कि अगला निर्णय क्या लिया जाए। इसके बाद ही नयी पारी के बारे में निर्णय लेंगे।
बसपा छोड़ने के बाद अटकलें यह भी थीं कि मौर्य के सपा से जुड़ सकते हैं लेकिन उनके द्वारा सपा की तीखी आलोचना करने के बाद ये साफ होता दिख रहा है कि वो अब स्वामी प्रसाद समाजवादी पार्टी में नहीं जाएंगे। उन्होंने सपा को गुंडों की पार्टी कह डाला और इसके पलटवार में सपा ने भी उन्हें निशाने पर ले लिया। बहरहाल उम्मीद यह जतायी जा रही है कि मौर्या नया दल का गठन कर राजनीतिक पारी को आरंभ करेंगे।