ताशकंद। उजबेेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में होने वाली एससीओ बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस बैठक में भारत की एनएसजी सदस्यता को लेकर इस मुलाकात पर दुनिया टकटकी लगाई हुई है।
वहीँ पाक के राष्ट्रपति ममनून हुसैन और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई। हुसैन ने कहा कि वो चीन द्वारा मिले समर्थन के शुक्रगुजार हैं। चीन ने खुले दिल से उनके देश का समर्थन किया है। पाकिस्तान चाहता है कि एनएसजी के मामले में किसी तरह की विभेदकारी नीति न अपनायी जाए।
मोदी ने कहा कि वो उज्बेकिस्तान के दौरे से बहुत ही खुश है। उन्हें उम्मीद है कि भारत और एससीओ देशों के बीच रिश्तों में और गर्माहट आएगी। इस सम्मेलन के इतर परमाणु एनएसजी के मुद्दे पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत भी होगी।
दक्षिण कोरिया की राजधानी सिओल में आज से एनएसजी के 48 देशों की बैठक शुरू हो जाएगी। भारत ने स्वीकार किया है कि राह आसान नहीं है। लेकिन उसने ऐन वक्त पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। विदेश सचिव एस जयशंकर की अगुवाई में एक मजबूत भारतीय टीम सिओल पहुंच चुकी है।
वहीं सलमान खुर्शीद ने कहा कि एनएसजी में भारत की दावेदारी मजबूत है। भारत को एनएसजी की सदस्यता जरूर मिलेगी। हालांकि चीन के स्पष्ट रुख के बाद इस वर्ष एनएसजी में भारत की सदस्यता मिलने पर संदेह है।
रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के बाद फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का चौथा देश हो गया है जिसने अन्य सभी देशों से भारत के समर्थन में वोटिंग करने का आग्रह किया है। भारतीय खेमा पूरी जोर शोर से लगा है लेकिन उसे आगे की मुश्किलों का पता है। भारतीय खेमा का आकलन है कि 25 राष्ट्र पूरी तरह से भारत के साथ हैं जबकि 23 देशों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।