लखनऊ। कौमी एकता दल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी समाजवादी पार्टी के गले की फंास बन गये है। कौमी एकता दल के विलय को लेकर सपा में दो फाड हो गये है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खासे नाराज है। इस मामले को सपा ने संसदीय बोर्ड की बैठक आगामी 25 जून को बुलायी है जिसमें इस विलय के साथ ही मंत्रि मण्डल विस्तार पर चर्चा होगी।
सपा ने कौमी एकता दल को अपने साथ विलय कराने के बाद इसकी मध्यस्तता करने वाले मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त कर दिया। इसके अगले दि नही बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को आगरा से लखनऊ जेल शिफ्ट करा दिया। इसे लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कारागार मंत्री पर नाराजगी जतायी।
सीएम चाहते है कि पार्टी विकास के मुद्दे को चुनाव मैदान में जाए। लेकिन सपा के इस फैसले से विकास पीछे रह जायेगा। बल्कि चुनाव जीतने के लिए बाहुबलियों को गले लगाने का संदेश जनता के बीच जायेगा। विरोधी इसे मुद्दा बना देंगे। क्योंकि सपा सरकार बीते चार साल से प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर विरोधियों का आक्रमण झेलती आ रही है। ऐसे में सपा अपनी छवि सुधारने के लिए कौमी एकता दल का विलय को रद्द कर सकती है।
वहीं इस मामले को लेकर विरोधियों ने सपा पर हमले तेज कर दिये है। उनका आरोप है कि सपा नाटक कर रही है। गिरते जनाधार को संभालने के लिए सपा को अब बाहुबलियों को साथ लेना पड रहा है। ऐसे में यदि कौमी एकता दल का विलय बरकरार रहता है तो भी पार्टी को विपक्ष के आरोप को झेलना पडेगा। इस तरह बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी सपा के गले की फांस बन गये हैं।