लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्या के बसपा छोडने के ऐलान के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने आनन फानन में मीडिया को बुलाकर स्वयं पर लगे आरोपों की सफाई दी। उन्होने कहा कि यदि स्वामी प्रसाद मौर्या ने पार्टी छोड़कर बड़ा उपकार किया है, नहीं तो पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा देती। उन पर दलबदलू बताते हुए उन पर परिवारवाद बढ़ाने का आरोप भी लगाया।
अपने आवास पर मीडिया से मुखाबित होते हुए मायावती ने कहा कि 2012 में हमारी सरकार नहीं बनी लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य को नेता प्रतिपक्ष जैसा बड़ा ओहदा दिया गया। इसी तरह 2007 में उनके हारने के बाद भी उन्हें मंत्री बनाया गया। पार्टी ने उनके बेटे और बेटी के साथ उन्हें भी टिकट दिया। इसके एवज में उन्होंने कितने पैसे बसपा को दिए यह भी उन्हें बताना चाहिए। वह परिवारवाद के समर्थक हैं।
वह अपने बेटे एवं बेटी के लिए टिकट मांग रहे थे जिसे देने से हमने मना कर दिया इसीलिए उन्होने पार्टी छोड दी। मायावती ने कहा कि मैंने मौर्या से साफ कहा था कि परिवारवाद यहां नहीं चलेगा। अगर वो सपा में जाते हैं तो वो उनके लिए सबसे सही जगह है। वहीं, परिवारवाद चल सकता है। उन्होनंे कहा कि जब तक जिंदा हूं कांशीराम के सिद्धांत पर चलूंगी। कांशीराम ने कभी भी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया। बसपा में परिवारवाद को बढ़ने नहीं दूंगी।
27 को मंत्री पद की षपथ ले सकते है मौर्य
बसपा से नाता तोडने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा पर तो हमला बोला लेकिन सपा के प्रति उनका रूख नरम रहा। इसलिए यह कयास लगाये जा रहे है कि सपा में हो षामिल हो सकते हैं। आगामी 27 जून को प्रदेष सरकार अपने मंत्रिमण्डल का विस्तार करने जा रही है। इसमें स्वामी प्रसाद मौर्य को मंत्रि पद की षपथ दिलायी जा सकती हैं। इस बाबत उनकी वार्ता कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव और आजम खान से भी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुद दिन पूर्व भाजपा प्रदेष अध्यक्ष केषव प्रसाद मौर्य से भी मुलाकात की थी।