लखनऊ। विकास के मुद्दे पर चुनाव लडने की तैयारी कर रही समाजवादी पार्टी को कौमी एकता दल का सपा में विलय से करारा झटका लगा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस विलय को लेकर खासे नाराज है।
इसीलिए उन्होंने आज अपने सारे कार्यक्रमों को रद्द कर पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ वार्ता कर रहे है। यी भी कयास लगाया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी की पार्टी का सपा में विलय का फैसला रद्द हो सकता है। इस पर अंतिम निर्णय सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को करना है।
मालूम हो कि सपा में कलम मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल का विलय हो गया। इस विलय से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खासे नाराज है। इसी कारण उन्होंने सरकार के वरिष्ठ मंत्री बलराम यादव को कल ही बर्खास्त कर दिया।
आज उन्होंने सारे कार्यक्रमों को रद कर इस विलय पर आत्म मंथन कर रहे है कि कैसे इस डैमेज कंटोल से निपटा जाए। अखिलेश यादव बीते चार साल से यूपी के विकास पर विषेष ध्यान दे रहे है।
वह विकास के माडल के ही सहारे दोबारा सत्तासीन होना चाहते है। लेकिन कौमी एकता दल केे सपा में आने से अखिलेश के मिशन को जरूर झटका लगेगा। विरोधियों को एक मौका और मिल जायेगा कि सपा अपनी साख को बचाने के लिए अब बाहुबलियों को गले लगा रही है।
इसके साथ ही सपा की ताकत कमजोर होने का भी संदेष जनता के बीच जायेगा। सपा कौमी एकता दल के विलय को लेकर असमंजस में है। यदि वह इस दोस्ती को तोडती है तो दबाव में अपने ही निर्णय को वापस लेने का संदेष जायेगा। यदि बरकरार रखती है तो कानून व्यवस्था खराब होने का दंश झेल रही सपा के बारे यह संदेश जायेगा कि बाहुबलियों को सरंक्षण दिया जा रहा है। बहरहाल इस निर्णय पर अंतिम फैसला सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ही करेंगे।