लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी खिसकते जनाधार को लेकर खासी चिंतित है। इसीलिए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने नेताओं से दो टूक कहा कि हमारे सहारे न रहिए आप लोग जनता के बीच जाए। जनता को बसपा सरकार की उपलब्धियां एवं सपा सरकार की नाकामियों को बताकर उन्हें पार्टी की ओर आकर्षित करें।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने हर स्तर पर तैयारियां तेज कर दी है। इसी कडी में बसपा मुखिया मायावती ने भी कल पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने संगठन के पेंच कसने के साथ ही इस बात पर नाराजगी जतायी कि अन्य दलों की तुलना में बसपा का जनता के बीच प्रचार कम हो रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कई कोर्डीनेटरों के कार्य क्षेत्र में बदलाव किया। पार्टी नेताओं को मीडिया फ्रेडली बनने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि बडी सभाओं के साथ नुक्कड सभाएं भी करिए। इसका मतलब साफ है कि बसपा डैमेज कंटोल को हर हाल में रोकना चाहती है। वही दलित वोट बैंक में भी सेध को रोकना भी बसपा के लिए चुनौती बन गयी है। क्योंकि 2012 के बाद से लगातार बसपा का जनाधार सिमटता जा रहा है। दलित वोट बैंक में यदि सेंध लग गयी तो अन्य जातियां भी नहीं जुड पायेगी। मुस्लिम वोट बैंक भी इस बार बसपा से दूरी बनाये हुए है।
इसका मतलब साफ है कि बसपा कहीं न कहीं अपने जनाधार को लेकर चिंतित है। क्योंकि बीते कई माह से भाजपा दलित वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है। वहीं कांग्रेस की भी इस वोट बैंक पर नजर है। बसपा के लिए इन चुनौतियों से जूझना आसान नहीं होगा। इसीलिए बसपा सुप्रीमो मायावती हर राजनीतिक मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के साथ ही विरोधियों पर तीखा हमला बोलती है।