संसदीय बोर्ड अब तक तय नहीं कर पाया कि यूपी मेें चेहरा उतारेगी या नहीं
लखनऊ। यूपी में अगले कुछ माह में होेने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम कंडीडेट घोशित करने को लेकर भाजपा दुविधा में है। अहम फैसले लेने वाला पार्टी का संसदीय बोर्ड अब यह तय नहीं कर पाया है कि राज्य में कोई चेहरा उतारेगा या नहीं, या फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे को आगे कर।
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अब यूपी की राजनीति से दूर रहकर केन्द्रीय राजनीति में सक्रिय रहना चाहते है। इसीलिए वह बार बार कह रहे है कि यूपी में नेताओं की कमी नहीं है।
भाजपा सीएम कंडीडेट को लेकर इसलिए दुविधा में है क्योंकि वह दिल्ली में वह हार गयी लेकिन असम में सरकार बना ली। लेकिन यूपी की राजनीति इन दोनों राज्यों से अलग है। क्योंकि यहां पर सपा बसपा जैसे क्षेत्रीय दल मजबूत है। इसीलिए पार्टी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। लेकिन राजनाथ सिंह ने आज फिर यूपी में सीएम को लेकर कहा कि इस पर अंतिम फैसला पार्टी संसदीय बोर्ड करेगा।
अब तक संसदीय बोर्ड में यूपी में सीएम के चेहरे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पार्टी में यूपी से कई सक्षम नेता हैं जिन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। वह यूपी की राजनीति से दूर रहकर अब केन्द्र की राजनीति करना चाहते है। हालाकि सीएम के चेहरे को लेकर यूपी में दोवदारों की फौज है।
इसमें केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा स्मृति ईरानी, कलराज मिश्र, सांसद वरूण गांधी, योगी आदित्यनाथ सहित कई नेता है। इनमें से कुछ नेता तो स्वयं को सीएम कंडीडेट घोशित करने के लिए समर्थकों से ब्राडिंग करा रहे है।