लखनऊ। सत्तासुख के लिए हर चुनाव में हमराह बदलने वाले रालोद सुप्रीमो चैधरी अजित सिंह सपा के साथ देास्ती करने में अपना नफा नुकसान ही आंक रहे है। आगामी चुनाव को लेकर गठबंधन की बात अभी तक तय नहीं हुई है
यहां तक बीते एक सप्ताह ने सपा एवं रालोद के बीच बैठकों का दौर भी थंमा हुआ है। हाल में सम्पन्न हुए राज्यसभा एव विधान परिषद के चुनाव में रालोद ने सपा के साथ ही कांग्रेस का भी समर्थन किया।
ऐसे में रालोद ने आगामी साथी के लिए कांग्रेस एवं सपा दोनों में ही दरवाजे खुले रखे है। इन दिनों रालोद के साथ सपा की दोस्ती होने की चर्चा मीडिया में छायी हुई है।
लेकिन असिलियत यह है कि राज्यसभा चुनाव के बाद से सपा के साथ चैधरी अजित सिंह की कोई बैठक ही नहीं हुई है। यानी गठबंधन को लेकर सपा के साथ वार्ता का दौरा थंमा हुआ है। ऐसे में रालोद सपा के साथ दोस्ती करने में अपना नफा नुकसान देख रहे है।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने बताया कि सपा के साथ चुनावी गठबंधन का मामला अभी फायनल नहीं हुआ है। हमारे विधायक प्रदेश सरकार मे मंत्री भी बनने नहीं जा रहे है।
उन्होंने बताया कि रालोद की कुछ सुझाव है कि जिस पर सरकार यदि अमल कर लेती है तो बात आगे बढ सकती है। पहला तो सरकार गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराये और दूसरा अपनी छवि सुधारे। इसके लिए कानून व्यवस्था को ठीक करना होगा।