वॉशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात करेंगे। ओबामा के इस कदम से दलाई लामा को अलगाववादी मानने वाले चीन की त्योरियां चढ़ सकती है। राष्ट्रपति के कार्यक्रम के मुताबिक बराक ओबामा व्हाइट हाउस में दलाई
इससे पूर्व व्हाइट हाउस ने कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति दलाई लामा के धार्मिक एवं आध्यात्मिक नेता होने के कारण उनसे मुलाकात करते हैं। हालांकि अमेरिका का मानना है कि तिब्बत चीन का अभिन्न हिस्सा है लेकिन दलाई लामा की अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ हर मुलाकात बीजिंग को नाराज कर देती है।
शीर्ष डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी ने कहा, ‘तिब्बतियों एवं विश्व भर के लोगों के लिए सम्मानजक होने के कारण परम पूजनीय हमें हमारी बड़ी जिम्मेदारी का एहसास कराते हैं कि हम मानवाधिकारों की रक्षा करने, समानता को प्रोत्साहित करने एवं पर्यावरण की रक्षा करने के लिए काम करें।’ नैंसी ने कहा, ‘तिब्बत में तिब्बतियों की संख्या को कमजोर करने की चीन की हर प्रकार की कोशिश वास्तव में बहुत गलत होगी।
नैंसी ने कहा, ‘आजादी पसंद लोग यदि तिब्बत में दमन के खिलाफ बात नहीं करते हैं तो हमें विश्व में कहीं भी मानवाधिकारों की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।’ सीनेटरों बॉब कॉर्कर एवं बेन कार्डिन ने दलाई लामा और तिब्बती सरकार के निर्वासित प्रधानमंत्री लोबसांग सांग्ये से मुलाकात की।
कॉर्कर ने कहा, ‘जब हमारा देश तेजी से अस्थिर एवं अनिश्चित बन रही दुनिया के साथ संघर्षरत है तो ऐसे में हमें उनका वह सार्वभौमिक संदेश प्रेरणा देता है जो हमारे अंदर गहराई से बसे कई मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है।’ कॉर्कर ने कहा कि उन्होंने अमेरिका और तिब्बत के लोगों के लिए महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की।