सीएम कंडीडेट के लिए सर्वे कराने की तैयारी
लखनऊ। मिशन 2017 में चेहरा यानी सीएम कंडीडेट को लेकर भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर बैकफुट पर आ गयी है। पार्टी यदि जरूरत समझेगी को चुनाव के करीब यानी इस साल के अंत तक मुख्यमंत्री प्रत्याषी उतारेगी। इसके लिए पार्टी आंतरिक सर्वे एवं बेहतर परफारमेंस का एक सर्वे भी कराने पर विचार कर रही है।
लंबे समय बाद यूपी के प्रयोग में हो रही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में भी पार्टी एक अदद चेहरा नहीं खोज सकी जिसके सहारे आगामी विधानसभा चुनाव को फतह किया जा सके। सीएम कंडीडेट को लेकर भाजपा दुविधा में है। क्योंकि यहां पर भयंकर गुटबाजी है। इसीलिए इस मुदृदे पर भाजपा नेता एक मत नहीं है।
केन्द्रीय मंत्री कलराम मिश्र का कहना है कि पीएम नरेन्द्र मोदी का चेहरा पेष कर चुनाव लड जायेगा। वहीं मनेाहर पारिकर कहना है कि सीएम कंडीडेट जल्द घोषित किया जायेगा। मेनिका गांधी का तर्क है कि इस चेहरा का फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड करेगा। गत दिनों भाजपा अध्यक्ष अमितषाह ने राजधानी में कहा था कि अभी यह तय नहीं कि पार्टी यहां पर सीएम कंडीडेट घोषित करेगी या नहीं।
लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार सीएम पद का उम्मीदवार कोई सांसद ही होगा. पार्टी अभी किसी के नाम का ऐलान करने के मूड में नहीं है.। चर्चा है कि इस साल के अंत तक सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट किया जा सकता है.। जो ब्राह्मण, राजपूत या पिछड़ी जाति में से ही होगा। इसके लिए पार्टी यूपी में एक सर्वे कराएगी. जिसमें मुख्यमंत्री के दावेदार के नामों को भी शामिल किया जाएगा।
इसके आधार पर सीएम कंडीडेट का ऐलान किया जा सकता है। चर्चा यह भी है कि भाजपा यूपी को 6 इलाकों में बांटकर हर क्षेत्र को एक सांसद नेता के हवाले किया जाएगा। चुनाव के बाद अगर बीजेपी सरकार बनाती है तो इन्हीं 6 क्षेत्र प्रभारियों में से जो सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगा, उसको बीजेपी मुख्यमंत्री बनाएगी।