लखनऊ। नीलगायों को मारने को लेकर विवाद बढता जा रहा है। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनिका गांधी नीलगाय के मारे जाने के खिलाफ हैं। वहीं बिहार सरकार के एक मंत्री नील गायों को मेनिका गांधी को अपने घर में पालने की सलाह दी है।
मलूम हो कि बोल चाल की भाषा में इन गायों को नील गाय कहा जाता है। लेकिन यह न तो नीली होती है और न ही इनमें गांय जैसे गुण। वन विभाग ने इसीलिए इन नील गांयों का नाम वनरोज रखा है।
किसानों के फसल की दुशमन बनी इन गांयों को मारने का विवाद अर्से से चल रहा है। इसीबीच केन्द्रीय मंत्री मेनिका गांधी इन गायों को न मारने की वकालत की है।
इसे लेकर बिहार सरकार के एक जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि मेनका गांधी नीलगायों को मारने के मामले में अनावश्यक विवाद पैदा कर रही हैं। अगर उन्हें नीलगायों की इतनी ही चिंता है तो वह ग्रामीण इलाकों में जाकर फसलों की बर्बादी देखे।
यदि वह बिहार आए तो हम उन्हें नीलगायों के साथ गर्मजोशी से विदा करेंगे। उन्हें हम जिन्हें वह अपने बंगले या चिडि़या घर में रख सकती हैं। उन्होंने कहा कि पशु अधिकार कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री मेनका को इसके बजाय अपने मंत्रालय के बारे में अधिक चिंता करनी चाहिए।