लखनऊ। नौ माह से शांत बिसाहडा को एक बार फिर दहलाने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद कल बिसाहडा गांव में एक पंचायत का आयोजन कर अखलाक के परिजनों के खिलाफ गो हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गयी। इसके लिए पुलिस प्रशासन को 20 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
बिसाहड़ा गांव में आयोजित पंचायत में पूर्व प्रधान और आरोपियों के पिता के अलावा शिवसेना के स्थानीय नेता भी शामिल हुए। इस दौरान आरोपियों के परिजन और गांववाले लगातार ये मांग करते रहे कि अखलाक के परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। क्योंकि फॉरेंसिक रिपोर्ट से यह साफ हो गया कि अखलाक के घर से गोमांस पाया गया।
मथुरा स्थित एक सरकारी फॉरेंसिक लैब की पिछले सप्ताह रिलीज हुई रिपोर्ट में कहा गया है कि पीडि़त व्यक्ति के घर में पाया गया मांस बीफ ही था। इस रिपोर्ट के आने के बाद बिसाहड़ा गांव के कुछ लोगों ने अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की है।
कुछ ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने अखलाक की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए 17 लोगों को रिहा करने की मांग की है। इसी गांव में पिछले साल 28 सितंबर को मोहम्मद अखलाक नाम के शख्स की बीफ खाने के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।