नई दिल्ली। लोकसभा में सत्ता गंवाने के बाद से संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में हार के बाद अब पार्टी में नेताओं की बगावत आम हो चली है। कई बड़े नेता पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं। वरिष्ठ नेता गुरुदास कामत ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और संन्यास लेने का एलान भी कर दिया।
कामत को गांधी परिवार का विश्वस्त माना जाता था। उन्होंने लिखा एक ख़त में लिखा है कि कई महीनों से मैंने महसूस किया है मुझे नए लोगों को आगे आने के लिए पीछे हट जाना चाहिए। 10 दिन पहले मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मिला और इस्तीफा देने की मंशा जाहिर की। इसके बाद मैंने उन्हें और राहुलजी को खत भेजकर बता दिया कि मैं पार्टी छोड़ना चाहता हूं, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। मैंने नियमानुसार राजनीति से संन्यास लेने के बारे में बता दिया है।”
सूत्रों के मुताबिक मुंबई इकाई से साइडलाइन किए जाने के चलते कामत काफी नाराज थे। पूर्व कांग्रेस मंत्री ने बताया कि पार्टी में सुधार के लिए उनकी ओर से दिए गए सुझावों की अनदेखी की गई। एक अन्य नेता ने बताया कि राहुल गांधी की मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरूपम से नजदीकियों ने कामत को सबसे ज्यादा दुख पहुंचाया।
वहीँ, छत्तीसगढ़ में करीब 12 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस को एक और झटका लगा। वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम अजित जोगी ने अपनी नई पार्टी बना ली। उन्होंने इसका एलान अपने पैतृक गांव मरवाही में किया। इस दौरान उनके बेटे अमित जोगी, पत्नी रेणु और कई कांग्रेस नेता मौजूद थे। हालांकि पार्टी का नाम अभी तय नहीं हुआ है। इस दौरान जोगी ने कहा कि अब राज्य के निर्णय दिल्ली से नहीं होंगे।
पश्चिम बंगाल में वाममोर्चे के साथ गठबंधन के मुद्दे पर वरिष्ठ नेता और विधायक जितेन सरकार ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया। बता दें कि बंगाल में लेफ्ट से गठबंधन के चलते त्रिपुरा में कई और कांग्रेस नेता भी नाराज हैं।
यूपी में अगले साल होने वाले चुनाव कांग्रेस के लिए करो या मरो जैसे हो गए हैं। पार्टी ने यहां जीत हासिल करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। लेकिन कार्यकर्ता एकजुट नहीं दिख रहे हैं। यहां पर प्रियंका गांधी को पार्टी में लाने की मांग लंबे समय से चल रही है। अब अल्पसंख्यक मोर्चे ने प्रस्ताव पारित किया है कि राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाए।