मोदी की रैली में एक लाख युवाओं को लाने का लक्ष्य
लखनऊ। पढाई एवं अपने कैरियर को लेकर परेशान युवाओं पर भाजपा की नजरे लगी हैं। भाजपा इन्हें अपने साथ जोडना चाहती है। इसके लिए हास्टलों, कोचिंग सेंटरो एवं कालेजों में पार्टी नेता सम्पर्क कर रहे है। इसके साथ ही 13 जून को इलाहाबाद में आयोजित पीएम नरेन्द्र मोदी की रैली में एक लाख युवाओं को लाने का लक्ष्य तय किया गया है।
भाजपा का मानना है कि अन्य जातियों को पार्टी से जोडने की अपेक्षा युवाओं को साथ लाना आसान है। क्योंकि यह वोट फलोटिंग है जिस पार्टी को उभरता हुआ देखता है उसी ओर एकत्र हो जाता है। इसकी संख्या करीब बीस से 25 प्रतिशत के बीच होती है।
पीएम मोदी इन दिनों विदेशों में देश की शान बढा रहे हैं। इसका लाभ भी निकट भविष्य में दिखेगा। इसके अलावा मोदी ने सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार खत्म करने की भी बात कही थी। जिस पर प्रदेश सरकारों ने पूरी तरह से अमल नहीं किया। यह युवा समझदार है उन्हें हर तरह की आधुनिक जानकारी रहती है।
इसीलिए भाजपा इन्हें जोडना चाहती है। इसे लेकर भाजपा ने अपने युवा विंग भाजयुमो, एवं एबीवीपी को युवाओं को पार्टी से जोडने की जिम्मेदारी सौपी है। इसके लिए करीब 300 कायकर्ताओं की टीम तैयार की गयी हैं। यह लोग स्कूलों, कालेजों एवं हास्टलों एवं कोचिंग में जाकर युवाओं से सम्पर्क कर रहे है।
वहीं मोदी की इलाहाबाद में 12 जून को आयोजित रैली में एक लाख युवाओं को लाने का लक्ष्य भी तय किया गया है। सवाल यह है कि युवाओं पर भाजपा का दांव पार्टी के लिए कितना फायदेमंद होगा यह तो मिशन 2017 के परिणाम ही बतायेंगे।