रोहिताश्व मिश्र
लखनऊ। मथुरा के जवाहरबाग की हिंसा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। प्रदेश सरकार की लापरवाही का ही नतीजा है कि 29 लोगों की मौत हो गयी। इतना हीं नहीं प्रदेश सरकार राम वृक्ष यादव पर इस कदर मेहरबान थी कि वह उधान विभाग की करीब 280 एकड भूमि एक रूपये की दर से लीज पर देने की तैयारी कर रही थी। लेकिन हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फेर दिया।
जवाहरबाग घटना का मास्टरमाइंड राम वृक्ष यादव भले मार दिया गया हो लेकिन उसने कई रोज छोड दिए है। जिसमें प्रदेष सरकार की नियत में भी खोट ही दिख रहा है। इस सरकारी भूमि पर करीब पांच सौ परिवार रहते थे। राम वृक्ष यादव ने तो उघान विभाग के गेस्ट हाउस को ही कब्जा कर रखा था।
यहां से इतनी भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद हुआ। इतना सब कुछ बिना सरकार के संरक्षण के संभव नहीं था। इस घटना का खुलासा यदि हाई कोर्ट ने आदेश न दिया होता तो कतई न होता। प्रदेश सरकार तो वोट बैंक की लालच में इन्हें हर तरह का संरक्षण दे रही थी।
इस भूमि को एक रूप्ये प्रति एकड की दर राम वृक्ष यादव को लीज पर देने की तैयारी कर ली गयी थी। शासन में इस बाबत प़त्रावली भी तैयार हो रही थी। इस हिंसा को लेकर विपक्ष प्रदेश सरकार के एक ताकतवर मंत्री शिवपाल सिंह यादव का नाम खीच रहा है। वहीं सरकार अपने मंत्री के बचाव में उतर आयी है। ऐेसे में इस घटना की सीबीआई जांच जरूरी है। जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो सके।