सपा के साथ दोस्ती करने में आंक रहे है नफा नुकसान
लखनऊ। सत्तासुख के लिए हर चुनाव में गठबंधन बदलने वाले रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह इस बार चौराहे पर खडे है। क्योंकि भाजपा ने उन्हें इस बार दोस्ती करने से तौबा कर ली।
अब सपा के साथ दोस्ती करने में वह नफा नुकसान आंक रहे है। सपा नेताओं के साथ उनकी कई चक्रो में वार्ता हो चुकी है। लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पायी है। ऐसे में पार्टी अब यह तय नहीं कर पायी है कि राज्यसभा के चुनाव में पार्टी विधायक किस दल को वोट देंगे।
विधानसभा में रालोद के आठ विधायक है। राज्यसभा एव विधान परिषद के लिए अगले सप्ताह होने वाले मतदान में रालोद ने अब तक तय नही किया है कि वह किस दल को वोट देगा। वहीं आगामी चुनाव को लेकर रालोद गठबंधन के लिए बेताब है।
इस बाबत रालोद मुखिया ने बसपा के साथ दोस्ती करने का प्रयास किया लेकिन बसपा घास नहीं डाल रही है। इसके बाद भाजपा के करीब आए वहा भी बात नही बनी।
कांग्रेस के साथ दोस्ती करने में वह अना फायदा नहीं देख रहे है। अंतः सपा के साथ ही गठबधन के लिए प्रयासरत है। इसे लेकर उनकी कई च्रको में वार्ता हो चुकी है। लेकिन कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुच पायी है। उन्हें यह भी डर है कि मथुरा हादसे के बाद सायकिल सवारी कहीं मंहगी न पड जाए।