लखनऊ। राज्यसभा की 11 एवं विधान परिषद की 13 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में प्रीती महापात्रा के आने से दिलचष्प हो गया है। इस चुनाव में क्रास वोटिंग एवं धन बल का प्रयोग बडे पैमाने पर हो रहा है। इससे चुनावी दंगल में कूदे प्रत्याशियों के साथ ही सभी दलों की धडकने तेज हो गयी है।
चुनाव में धनबल एवं बाहुबल से दूर रहने का दावा करने वाली भाजपा ही इस चुनाव गडबड कर रही है। क्योंकि पार्टी ने विधायकां की संख्या के अनुपात से कहीं अधिक प्रत्याशियों का नामांकन करा दिया है। अब वोट के लिए विधायकों को तरह तरह के आफर दिये जा रहे है। किसी को टिकट का तो किसी को पैसे का।
ऐसे में भाजपा के साथ सपा, कांग्रेस एवं बसपा की चिंता बढ गयी है। केन्द्र में भाजपा की सरकार है जिससे विधायकों का तोड फोड भाजपा कर सकती है। भाजपा की निगाहें छोटे दलों एवं दूसरे दलों के नेतृत्व से नाराज चल रहे विधायकों पर है।
सूत्रों के अनुसार प्रीति महापात्रा को जिताने के जिए भाजपा के ज्यादा छह विधायकों का वोट मिलेगा। इसके अलावा कौमी एकता दल के 3, इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल के एक और 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल रहा है। इसी तरह सपा एवं बसपा के बागी विधायकों को भी भाजपा वोट खरीदने का प्रयास कर रही है। रालोद के आठ विधायकां से भी भाजपा नेता सम्पर्क कर रहे है।
वहीं महापात्रा को जिताने के लिए प्रदेष प्रभारी ओम माथुर यूपी प्रवास पर आ रहे है। इस दौरान वह होम वर्क कर चुनाव के हालत पर चर्चा कर रणनीति तैयार करेंगे।