राजेश सिंह
कपिल सिब्ब्ल व दीपक सिंह को भेजा उच्च सदन
लखनऊ। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दलितों एवं पिछडों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों में चल रही रस्साकसी के बीच कांग्रेस ने नया दांव खेला है।
तकरीबन तीन दशक से राजनीतिक बनवास झेल रही कांग्रेस की निगाहें सर्वणों पर टिकी हैं। इसी लिए कांगेस ने ब्राम्हण एवं ठाकुर चेहरे को उच्च सदन भेजने जा रही है।
सूबे का सर्वण मतदाता कभी कांग्रेस का एक मजबूत वोट बैंक माना जाता था। इसी के बदौलत कांग्रेस ने यहां पर चार दशक तक अखण्ड राज किया।
लेकिन 1989 के लोकसभा चुनाव में यह वोट बैंक छिटक कर वीपी सिंह के साथ चला गया। इसके बाद कभी राम मंदिर आंदोलन में यह मतदाता भाजपा के साथ जुड गए।
लेकिन इसके बाद यह वोटर कभी सपा तो कभी बसपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलता रहा। भाजपा इस वोट बेंक को अपना मान कर अब पिछडों एवं दलितों में सेंध लगाने का प्रयास कर रही हैं।
ऐसे में कांग्रेस ने इस वोट बैंक को पुनः जोडने के लिए रणनीत बना रही हैं। कांग्रेस ने सवर्णो को रिझाने के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने जा रही है।
वह एक ब्राम्हण चेहरा है। इसी तरह विधान परिषद में रायबरेली के दीपक सिंह को भेजा जा रहा है। यह ठाकुर जाति से ताल्लुक रखते है। इन दोनों नेताओं ने आज अपना नामांकन कर दिया।
हालाकि इन दोनों नेताओं को उच्च सदन भेजने के लिए कांग्रेस को अन्य दलों से वोटों का जुगाड करना होगा। क्योंकि कांग्रेस के यूपी विधान सभा में मात्र 29 विधायक हैं। जबकि राज्यसभा के लिए 35 तथा विधान परिषद के लिए 31 विधायकों का समर्थन चाहिए।