लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी यूपी में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर दुविधा में है। जबकि असम में सर्वानंद सोनवाल का चेहरा पेश कर भाजपा को सफलता मिली है। इससे पूर्व दिल्ली में किरन बेदी का चेहरा पेश कर चुनाव लडना भाजपा को मंहगा पडा।
बिहार में बिना चेहरे का चुनाव लडना पार्टी के लिए अहितकर रहा। ऐसे में पार्टी का एक धडा सीएम के रूप के चेहरा पेश करने के पक्ष में है तो दूसरा इसके विरोध में। वहीं पार्टी हाईकमान गुटबाजी के कारण चेहरा पेश करने में धबरा रहा है।
पार्टी हाईकमान चाहता है कि बिना चेहरा पेश किये सामुहिक रूप से चुनाव लडा जाए और बाद में किसी को सीएम बना दिया जाए। लेकिन यह प्रयोग कहीं तो सफल रहा पर असफल। यूपी में पार्टी के अंदर भयंकर गुटबाजी है जिसके कारण यहां पर सीएम का चेहरा पेष करने की पाटी
हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। क्योंकि यहां पर आधा दर्जन से अधिक नेता सीएम के दावेदार है। दो बार सीएम रह चुके राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह का नाम भी चल रहा है। इसी तरह मुख्यमंत्री रह चुके गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी यहां की दोबारा बागडोर संभालना चाहते है। इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी, कलराज मिश्र, सांसद योगी आदित्यनाथ, वरूण गांधी , महापौर डा दिनेश शर्मा सहित कई नामों पर आत्म मंथन चल रहा है।