लखनऊ। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम पूरे देश की राजनीति के लिए एक अलग तरह का संकेत दे रहे है। भाजपा एवं कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद कठिन हैं।
क्योंकि क्षेत्रीय दल समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी यह परिणाम कहीं न कहीं उत्साहित करने वाले है। लेकिन इसके लिए इन दोनों ही दलों को अभी और होमवर्क करने की जरूरत है।
पांच राज्यों के आए चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए एक शबक है। क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस की हालत लगातार खराब हो रही है। बिहार में जरूर थोडा राहत मिल गयी थी लेकिन वह कांग्रेस के सहारे नहीं बल्कि महागठबंधन के कारण।
लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस को पांडिचेरी को छोड दे तो हर जगह कांग्रेस की दुर्दशा ही हो रही है। वहीं भाजपा दिल्ली एवे बिहार करारी हार के बाद भाजपा को आक्सीन जरूर मिल गयी।
क्योंकि पार्टी ने असम में जनता ने सत्ता परिर्वतन कर पहली बार भाजपा पर भरोसा किया है। इससेभाजपा को थोडा राहत अवश्य मिल गयी। लेकिन यूपी फतह के लिए भाजपा को नये सिरे रणनीति तैयार करना होगा।
क्षेत्रीय दलों के लिए इन चुनावो नेषुभसंकेत हैं। क्योंकि बिहार के बाद पष्चिम बंगाल, तमिल नाडु में सत्ता विरोधी लहर का असर नहीं रहा। यहां पर जनता ने भाजपा कांग्रेस को नकार कर क्षेत्रीय दलां पर ही भरोसा जताया है। ऐसे में सपा एवं बसपा को यहां राजनीतिक लाभ मिल सकता हैं।