लखनऊ। मिशन 2017 में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव एवं बसपा मुखिया मायावती को टक्कर देने के लिए भारतीय जनता पार्टी केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। इसीलिए तमाम विरोध के बावजूद ईरानी का कद पार्टी लगातार उभारने का प्रयास कर रही है।
केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद भाजपा पार्टी निष्ठावान एवं ईमानदार युवा नेताओं को तरजीह दी जा रही है। इसी कडी में तमाम विवादों को दरकिनार स्मृति ईरानी का कद पार्टी एवं सरकार में बढाया जा रहा हैं। अब इन्हें यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में मजबूती से पेश करने की तैयारी चल रही है। उन्हें अमेठी एवं रायबरेली के साथ ह पूरे प्रदेष की बागडोर सौंपने का प्रयास किया जा रहा है।
स्मृति ईरानी का कद बढाने के पीछे कई कारण हैं। यहां पर बसपा के सबसे बडे दल के रूप में उभरने के कयास लगाए जा रहे है। बसपा सुप्रीमो मायावती को करारी शिकस्त देने के लिए ईरानी को लागने की तैयारी चल रही है। क्योंकि मायावती एवं मुलायम सिंह यादव ने जब पहली बार प्रदेश की बागडोर संभाली थी तो तब उनकी उम्र चास साल से अंदर थी। इसी तरह जब अखिलेश यादव 2012 में पहली बार मुख्यमंत्री बने तब भी उनकी उम्र 40 साल के आस पास रही होगी। दूसरी बात यह है कि स्मृति इरानी वाली वुड की दुनिया से राजनीति में आयी है। लिहाजा जनता भी उन्हें ठीक से जानती है। इनके चेहरे से खास तौर महिलाओं को भाजपा से जोडने का बल मिलेगा।