प्रियंका को जिम्मेदारी देने पर हाईकमान खामोश
लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव बैसाखी के सहारे मिली सफलता से उत्साहित कांग्रेस ने यूपी में सौ सीटें जीतकर किंग मेकर बनने का ख्वाब देख रही है। लेकिन जिन कार्यकर्ताओं के बदौलत यह सफलता हासिल करनी है उन्ही की राय को अनसुना किया जा रहा है। ऐेसे में कांग्रेस को यूपी में कैसे खोयी हुई ताकत हासिल होगी।
कांग्रेस के यूपी में उद्धार के लिए लाए गए प्रशात किशोर के सुझावों को भी पार्टी नेता तवज्जों नहीं दे रहे हैं। इसकी शिकायत प्रशात किशोर ने पार्टी हाईकमान से की है। इसी तरह जिन कार्यकर्ताआंे के सहारे सफलता हासिल करनी है उन्हीं के सुझावों को अनदेखी की जा रही है। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर होने लगा है।
गत दिनों राजधानी में पार्टी के सभी ब्लाक अध्यक्षों की बैठक बुलायी गयी। इसमें एक सुर से करीब 90 प्रतिशत अध्यक्षों ने कहा कि प्रियंका गांधी को यूपी कांग्रेस की कमान सौंपी जाए। इतना ही नहीं पार्टी के छोटे से लेकर बड़े नेता तक एक सुर में प्रियंका को चुनावी मैदान में उतारने की मांग कर रहे हैं.। इसके पीछे उनका तर्क है कि इससे यूपी में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी.।
फिलहाल प्रियंका केवल अपनी मां सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली और भाई राहुल गांधी के संसदीय चुनाव क्षेत्र अमेठी में ही पार्टी का प्रचार करती हैं.। लेकिन अब उन्हें यूपी में भ्रमण करने की मांग हो रही है।
लेकिन पार्टी नेता प्रियंका को कमान सौपने पर राजी नहीं है। पार्टी के प्रदेष प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि राहुल गांधी एवं प्रियंका को यहां की कमान नहीं सौंपी जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सीएम कंडीडेट का फैसला पार्टी हाईकमान करेगा। ऐसे में कांग्रेस बिना दमदार चेहरे के यूपी में कैसे खोयी हुई ताकत हासिल करेगी।