लखनऊ। तमाम घेराबंदी के बावजूद नितीश कुमार द्वारा तीसरी बार बिहार की सत्ता सभालने के बाद उनका जनाधार पडोसी राज्यों में प्रभाव बढ रहा है। इधर बीच नितीश कुमार ने यूपी को दौरा तेज कर दिया है।
उनकी नजर पूर्वाचंल के कुर्मी वोटों पर है। इस वोट बैंक में सेंध को रोकने के लिए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने बेनी प्रसाद वर्मा को गले लगाया। वहीं बेनी बाबू की मजबूरी थी कि वह इस समय खाली थे।
कांग्रेस में उनके पुत्र राकेष वर्मा को भविष्य नहीं दिख रहा था। मालूम हो कि युपी की राजनति जाति आधारित है। यहां पर पिछडे वर्ग में यादव के बाद सबसे बडा वोट बैंक कुर्मियों का है।
जो करीब पांच प्रतिषत के आस पास है। इनका प्रभाव खास तौर से पूर्वाचंल में है। जानकारों के मुताबिक पूर्वाचंल की करीब 40 सीटों पर कुर्मी वोट निर्णायक है। वहीं यूपी में कुर्मियों का कोइ कद्दावर नेता भी नहीं है।
बेनी प्रसाद वर्मा का फैजाबाद एवं देवीपाटन मण्डल में ठीक ठाक जनाधार है। ऐसे में यह वोट सपा में आ सकता है। वहीं नितीष कुमार को इस वोट बैंक सेंध लगाने से सपा रोक सकेगी। क्योंकि बेनी वर्मा एवं नितीष कुमार की एक ही जाति है।
सपा को यह भी डर है कि लोकसभा चुनाव की तरह कहीं पिछडा वर्ग भाजपा के साथ न चला जाए। क्योंकि भाजपा प्रदेष अध्यक्ष पिछडे जाति का बना दिया है। इसी लिए सपा ने बेनी बाबू को जोडा है।