लखनऊ। देश के करीब 200 जनपद भयंकर सूखे की चपेट में है। यहां पर पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन कई सालों से कुदरत की मार झेल रहे यूपी के बुंदेलखण्ड में पानी को लेकर सियासत चल रही है।
जबकि इस क्षेत्र के लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे है। वहीं पानी को लेकर विवाद बढ़ गए है। जिसमें एक बच्ची सहित दो लोगों की मौत तक हो गयी है।
बुन्देलखण्ड वासियों की प्यास बुझाने के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के बीच सियासत चल रही है। केन्द्र ने 20 लाख रूपये खर्च कर पानी की एक ट्रेन भेजी जिसमें पानी ही नहीं था। जबकि प्रदेश सरकार पानी को गांवों तक पहुंचाने के लिए टैंकर मांगे थे जो नहीं मिले।
इसके अलावा सूखा प्रभावित क्षेत्रों की प्रधानमंत्री की साथ बैठक में सीएम अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार से 10,600 करोड रूप्ये मांगे। वहीं प्रदेष सरकार इस क्षेत्र में 40 करोड रू से पानी का इंतजाम के लिए आंवटित किये है।
इस धन से क्षेत्र में 5286 नये हैंडपंप लगाने के साथ ही 3527 नलों को रीबोर किया जायेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने 402 टैंकरों को लगाने का दावा किया है। इसके बावजूद यहां पर पानी की समस्या बनी हुई है।
यहां की केन नदी के किनारे करीब दो दर्जन गांवों में पीने की पानी की समस्या है। महोबा में तो कुंए ही सूखते जा रहे है। महोबा के ही वीरपुर गांव के कुओं में स्वयं ही पानी की जगह आग निकल रही है।
इसके अलावा पानी को लेकर यहां पर विवाद बढ गए है। आये दिन मुकदमें दर्ज हो रहे है। एक बच्ची समेत दो की मौत पानी के विवाद को लेकर हो चुकी है।