नई दिल्ली। वर्ष 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट देने की तैयारी है। बताया जा रहा है उनके साथ तीन अन्य आरोपियों को इस मामले में क्लीन चिट दी जाएगी।
एनआईए आज इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगा और उस चार्जशीट में साध्वी प्रज्ञा और तीन अन्य आरोपियों के नाम शामिल नहीं होंगे।
इस चार्जशीट में कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व चीफ हेमंत करकरे, जो बाद में 23/11 के मुंबई हमले में शहीद हो गए थे, द्वारा की गई जांच खामियों से भरी थी। कर्नल पुरोहित के खिलाफ पेश किए गए सबूत सही नहीं थे और गवाहों के बयान दबाव में लिए गए थे।
चार्जशीट के मुताबिक एटीएस ने ही कर्नल पुरोहित के घर में विस्फोटक रखे। एनआईए के एक अफसर ने अखबार से बातचीत में कहा कि हमारे पास इसके सबूत हैं कि 2008 में कर्नल पुरोहित को गिरफ्तार करते समय एटीएस ने ही आरडीएक्स उनके क्वार्टर में रखा था।
एनआईए ने यह फैसला लिया है कि कर्नल पुरोहित व बाकी अन्य आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट यानी मकोका के तहत निर्धारित आरोप वापस लिए जाएं। उनके खिलाफ अब गैरकानूनी गतिविधियां(निरोधक) कानून आरोप लगाए जाएंगे और मुंबई की कोर्ट में यूएपीए के तहत ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
प्रज्ञा सिंह के वकील संजीव पुनालेकर ने कहा कि एनआईए ने इस पूरे मामले की जांच की लेकिन उन्हें सिर्फ साध्वी का स्कूटर मिला। एनआईए को इस मामले में कोई संदेह नहीं है, यूपीए के शासनकाल में इस मामले की ठीक से जांच नहीं हुई।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जाने-माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा है कि जितने भी भगवा ब्रिगेड के लोग आतंकी घटनाओं में फंसे हुए हैं, सबको बचाने के लिए जब से ये सरकार आई है तब से कोशिश की जा रही है।