लखनऊ। उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार को समर्थन करने के बाद बहुजन समाज पार्टी के यूपी में भी गठबंधन करने के लगाये जा रहे कयासों का आज पार्टी सुप्रीमों मायावती ने खारिज कर दिया।
उन्होंने यूपी सहित कई राज्यों में होने वाले आम चुनाव में किसी भी दल से कोई गठबंधन न करने एवं अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात दोहराई।
मायावती ने कहा कि राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी किसी भी दल से कोई गठबंघन एवं समझौता नहीं करेगी।
बल्कि बसपा अपने बलबूते पर पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़कर सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथों में लेने का प्रयास करेगी। इसके पीछे उन्होने तर्क दिया कि बसपा राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ एक सामाजिक मूवमेन्ट भी है।
इसलिए इन चुनावों को केवल हार-जीत, चुनावी स्वार्थ या सामयिक लाभ के लिये लड़ने के बजाय,पार्टी के मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने की भी जिम्मेदारी है।
जिन राज्यों में पार्टी का संगठन मज़बूत नहीं है वहां भी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़कर आत्म-विश्वास पैदा कर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि साम्प्रदायिक ताक़तों को कमज़ोर करने के लिए बसपा ने उत्तराखंड में कांग्रेस का साथ दिया। लेकिन यह चर्चा गलत है कि बसपा कांग्रेस के साथ कोई चुनावी समझौता करने जा रही है।
बदले जा सकते है प्रत्याशी
बहुजन समाज पार्टी ने करीब एक साल पहले अपने टिकट घोषित कर दिए थे। लेकिन इन प्रत्याशियों का समय समय पर सर्वे कराके रिपोर्ट कमजोर आने पर उनका बदलाव भी करती रहती है।
इसी कडी में पार्टी लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र से नवीन चन्द्र बाजपेयी का टिकट बदलने जा रही है। उनके स्थान पर पार्टी पूर्व प्रत्याशी शंकरी सिंह को प्रत्याशी बनाने की तैयारी है।
इसी तरह मोहनलाल गंज क्षेत्र से देवकली प्रसाद की जगह पूर्व आईएएस अधिकारी राम बहादुर को प्रत्याषी बनाया जा सकता है। उम्मीद यह है कि इन दोनों प्रत्याशियों को बदलने की घोषणा पार्टी इसी माह कर सकती है।