राज्यपाल ने प्रेसीडेंट को भेजे नगर निगम से जुडे दो विधेयक
लखनऊ। बीते कई माह से प्रदेश सरकार के ताकतवर मंत्री मो आजम खां एवं राज्यपाल राम नाईक के बीच चल रहा सियासी युद्ध थंमने के बजाए और बढेगा। क्योंकि मेयरों एवं नगर पालिका अध्यक्षों से जुडे दोनों विधेयकों को राज्यपाल ने प्रेसीडेंट प्रणव मुखर्जी के पास भेज दिये है।
मालूम हो सरकार ने गत दिनों विधानसभा में भाजपा सदस्यों के काफी हंगामे के बाद नगर निगम संषोधन विधेयक 2015 एवं नगर पालिका विधि संषोधन विधेयक 2015 पारित करा लिया था। बीते कई माह से राजभवन में रोके रहने के बाद आज इन्हें अंतिम निर्णय के लिए प्रेसीडेंट प्रणव मुखर्जी के पास भेज दिए है।
इसके पीछे राजभवन का तर्क है कि इन्हें कानून बनने के बाद जनता द्वारा चुने गए महापौरों को सरकार किसी भी मामले में नोटिस जारी कर सकेगी। उनके जवाब अंसतुष्ट होने पर उनके प्रषासनिक एवं वित्तीय अधिकार समाप्त कर उन्हें नगर आयुक्तों एवं नगर पालिकाओं के अधिषासी अधिकारियों को दे दिये जायेंगे।
ऐसे में इस विधेयक को मेयरों को अधिकार दिलाने वाले 74 वें संषोधन के खिलाफ बताया। इस विधेयक को लेकर नगर विकास मंत्री ने सदन से लेकर सडक तक राज्यपाल पर तीखा हमला बोला।
अब इन विधेयकों को दिल्ली में प्रेसीडेंट के पास निर्णय के लिए भेजने के बाद आजम खा एवं राज्यपाल के बीच चल रहा वाकयुद्ध और तेज हो जायेगा।