नई दिल्ली। भारत का गलत नक्शा दिखाना अब होगा भारी। केंद्र अब इस तरह के लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने के लिए नया कानून नियम बना रही है। इसके तहत गलत नक्षा दिखाने वाले वालों पर अधिकतम सात वर्ष की जेल और 100 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
हाल ही में सोशल वेबसाइटों द्वारा जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान और अरूणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताए जाने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। हाल ही में ट्विटर ने कश्मीर की भौगोलिक स्थिति को चीन में और जम्मू को पाक में दिखाया था। जिसका भारत ने विरोध किया था उसके बाद इसमें सुधार किया गया था।
भू-स्थानिक नियमन विधेयक 2016 के मसौदे के अनुसार भारत से जुड़ी किसी भू-स्थानिक सूचना को प्राप्त करने, उसका प्रचार-प्रसार करने, उसको प्रकाशित करने या उसमें संशोधन करने से पहले शासकीय प्राधिकार से अनुमति लेनास आवश्यक होगा। इसके तहत कंपनी बिना लाईसेंस नक्शा आॅनलाइन नहीं दिखा सकेंगी।
अब कोई भी व्यक्ति इंटरनेट प्लेटफाॅर्म, आॅनलाइन या किसी भी इलेक्ट्राॅनिक या फिजिकल फाॅर्म में अंतरराष्ट्रीय सीमा सहित भारत की भौगोलिक स्थिति की जानकारी को गलत तरीके से प्रसारित और वितरित नहीं कर पाएगा। गूगगल मैप जैसी सर्विसेस सैटलाइट और क्राउड सोरूड डेटा के जरिए सूचना इकट्ठा करती हैं। कोई भी व्यक्ति सैटेलाइट एयरक्राफ्ट, एयरशिप्स, बैलून, ड्रोन या फिर किसी भी तरह के व्हीकल के जरिए एरियल या स्पेस व्यू के साथ भारत के किसी हिस्से की भू-स्थानिक दृश्य को हासियल नहीं कर सकेगा।
केंद्र सरकार ऐसे रखेगी नजर
सुरक्षा जांच प्राधिकरण बनाएगी ताकि इस तरह की सूचना का नियमन किया जा सके। इसमें प्राधिकरण केंद्र सरकार का संयुक्त सचिव चेयरमैन होगा। सरकार ने गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर ये बिल पोस्ट कर इस पर उनके सुक्षाव की मांग की है। गूगल और बाकी एजेसियां अगर गूगल मैप गूगल अर्थ या बाकी एजेंसियां खासकर कश्मीर को लेकर गलत मैप दिखाती हें तो उन पर बड़ा जुर्माना होगा।
जो कंपनियां एजेंसियां संस्थाएं या लोग अभी नक़्शे का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें अब लाईसेंस लेना होगा। सिर्फ सरकारी विभागों को लाईसेंस की जरूरत नहीं होगी।